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लॉक डाउन के चलते डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती घरों में ही मनाई
उदयपुरवाटी (झुंझूंनूं), कैलाश बबेरवाल।
झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी उपखंड क्षेत्र के बड़ागांव में मंगलवार को लोक डाउन के चलते पूर्व तहसीलदार मंगल चंद सैनी ने अन्य सदस्यों के साथ डॉ. आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धापूर्वक मनाई। इस अवसर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति बड़ागांव अध्यक्ष नारायण प्रसाद सैनी पूर्व सूबेदार समंदर सैनी, वार्ड पंच मदन लाल, बैंक अधिकारी राकेश सैनी सभी ने सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुये श्रद्धांजलि पेश की। उपस्थित सदस्यों ने बताया कि भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रेल 1891 को इंदोर की महू छावनी में हुआ था। महाराष्ट्र की अछूत जातियों में महार प्रमुख जाति है जिसमें डॉ. भीमराव का जन्म हुआ।
उन्होंने अपने जीवन के 65 सालों में सामाजिक आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, औद्योगिक, संवैधानिक आदि क्षेत्रों में अनगिनत कार्य करके राष्ट्रनिर्माण में महत्व पूर्ण योगदान दिया। उन्होने कई ऐसे काम किये जिन्हे आज भी हिंदुस्तान याद रखता है।
मानवाधिकार जैसे दलितों एवं दलित आदिवासीयों के मंदिर में प्रवेश, पानी पीने, छुआछूत, जाति पांति, ऊंच नीच जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने का कार्य किया। कई साप्ताहिक व पाक्षिक पत्र पत्रिकाओं का संपादन किया। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के जरिये महिलाओं को तलाक संपत्ती में उत्तराधिकार के प्रावधान, भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका, देश के लिए जल नीति जैसे नदी-नाले को जोडऩा, हीराकुंड बांध, दामोदर घाटी, सोननदी घाटी परियोजना, राष्ट्रीय जल मार्ग प्राधिकरण बनाने मे योगदान दिया।
उन्होंने समता, समानता, बंधुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को दो वर्ष ग्यारह माह 17 दिन में तैयार किया। उन्होंने विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका मे अनुसूचित जाती जनजाति के लोगो की सहभागिता सुनिश्चित की। उन्हें 1990 में भारत रत्न की उपाधि से नवाजा गया।