भारतीय ट्राइबल पार्टी राजस्थान के शीर्ष नेतृत्व की बैठक हुई

 भारतीय ट्राइबल पार्टी राजस्थान के शीर्ष नेतृत्व की बैठक हुई

डूंगरपुर, (लालशंकर रोत)। भारतीय ट्राइबल पार्टी राजस्थान के शीर्ष नेतृत्व की बैठक प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर वेलाराम घोघरा की अध्यक्षता में हुई जिसमें कांग्रेस भाजपा के नेतृत्व द्वारा जोहार अभिवादन को लेकर विरोध किया जा रहा है उस पर गहनता से चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर वेलाराम घोगरा ने कहा कि बीटीपी आदिवासी समुदाय ही नहीं है एसटी एससी ओबीसी अल्पसंख्यक व अन्य दबे कुचले समुदायों की आवाज है साथ ही संरक्षक की भूमिका में भाजपा-कांग्रेस के सामने एक तीसरी शक्ति के रूप में आई है। आज तक यह होता आया है कि भाजपा ने दारू की दुकानें खोल ली वहीं कांग्रेस आटा दाल बेचने की दुकान बनी रही। दोनों ही पार्टियां बारी-बारी से सत्ता में आती रही और दलाल मिल बैठकर दारू और दाल बाटी खाते रहे।
जनता को नजरअंदाज कर जन कल्याण योजना में भ्रष्टाचार किया, लोगों के साथ वादाखिलाफी की, धर्म और पाखंड के नाम से लड़वाया। मुद्दों पर आधारित स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में युवाओं को रोजगार नहीं दिया। युवाओं को पलायन के लिए मजबूर किया। किसानों की भूमि की पैमाइश न कर कोर्ट कचहरी में उलझा कर रख दिया। अगर वास्तव में भाजपा आदिवासी हितेषी होती तो भैरों सिंह शेखावत द्वारा 1989 में कहा था कि, आदिवासी स्वायत्त परिषद के गठन से ही आदिवासियों का विकास संभव है उस बात की आज तक अनदेखी क्यों की?
वहीं कांग्रेस ने नेहरू के जनजाति पंचशील सिद्धांतों के अनुरूप योजनाएं क्यों नहीं बनाई ? आगामी पंचायती राज चुनाव में बीटीपी जिला परिषद पंचायत समिति चुनाव में उम्मीदवारों का चयन आमजन की आमराय से तय किया जाएगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश मेघवाल ने कहा कि, एससी समुदाय और अल्पसंख्यक समुदाय का समर्थन बीटीपी की ओर आने से भाजपा का धरातल खिसक रहा है। पहले एससी एसटी आयोग को अलग किया। एससी के प्रतिभावान छात्राओं को स्कूटी पुरस्कार बंद कर छात्रवृत्ति में भेदभाव किया। रीट में एससी के लिए 36 प्रति. नहीं किया।
ऐसे कई मुद्दों पर कांग्रेस भाजपा ने एससी-एसटी के बीच में खाई खोदने का काम किया है। भाजपा कांग्रेस के नेता अपनी टिकट के साथ अपने बच्चों का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने और अपने आकाओं को खुश करने के लिए जोहार अभिवादन शब्द का विरोध किया जा रहा है।
बीटीपी प्रदेश सचिव आफताब मकरानी ने कहा कि भाजपा-कांग्रेस के लगातार बीटीपी पर हमले का स्पष्ट कारण युवाओं के एकीकरण से तैयार हो रही संवैधानिक आवाज का गला घोंटना है। प्रदेश के युवाओं को जवाब देना होगा आदिवासी अपने सामाजिक व्यवस्था पर निर्भय होकर काम करते रहें। बीटीपी राजनीतिक सुरक्षा की दीवार मजबूत करती रहेगी। भाजपा कांग्रेस मुस्लिम समुदाय हितेषी होती तो सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशें लागू करवाती।
प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण परमार ने कहा कि, बीटीपी के बढ़ते प्रभाव से कांग्रेस भाजपा के नेताओं की ठेकेदारी समाप्त हो रही है। कुछ दिन पहले कांग्रेस के नेता और भाजपा के नेता दोनों मिलकर जुबानी हमले कर रहे हैं उससे होना जाना कुछ नहीं है। इसके बजाय नई योजनाओं और रोजगार पर बात करते तो ज्यादा अच्छा था। भाजपा कांग्रेस मनुस्मृति की व्यवस्था को लागू करवाना चाहती है इसलिए आदिवासियों की बढ़ती हुई जागरूकता के खिलाफ बयान बाजी कर रही है। बीटीपी सभी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में प्रदेश सचिव मोहन डिंडोर प्रदेश सचिव दिनेश अहारी प्रदेश कोषाध्यक्ष रणछोड़ ताबियड भी मौजूद रहे।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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