पॉलिटिकल जर्नलिज्म एक बेहतरीन करियर विकल्प

 पॉलिटिकल जर्नलिज्म एक बेहतरीन करियर विकल्प

आज के जमाने में पूरी दुनिया में पॉलिटिक्स का बोलबाला है। अगर आपको भी देश-दुनिया की पॉलिटिक्स में गहरी दिलचस्पी है तो आप एक पॉलिटिकल जर्नलिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं।

हमारे लिए ‘जर्नलिज्मÓ अब कोई ऐसा नया शब्द नहीं है, जिसकी जानकारी हमें ना हो। इस मॉडर्न टाइम में जर्नलिज्म का प्रभाव हमारी डेली लाइफ में साफ तौर पर देखा जा सकता है। जर्नलिज्म के तहत मौजूदा घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार करके उसे आगे प्रसारित किया जाता है। जर्नलिज्म की फील्ड में ऐसे पेशे शामिल किये जा सकते हैं जो लिटरेचर के साथ विभिन्न इंस्ट्रूमेंटल टेक्निक्स का इस्तेमाल करके इन्फॉर्मेशन या जानकारी एकत्रित करते हैं और फिर उस इन्फॉर्मेशन या जानकारी को जर्नलिज्म से जुड़े विभिन्न मीडियम्स – प्रिंट, टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया – में प्रसारित किया जा सकता है।
प्रिंट मीडिया के बारे में अगर हम चर्चा करें तो विश्व का प्रथम प्रिंटेड साप्ताहिक अखबार वर्ष 1605 में प्रकाशित हुआ था। इसी तरह, लंदन गजट दुनिया का सबसे पुराना और अभी तक प्रकाशित होने वाला अखबार है जो वर्ष 1666 में पहली बार लंदन में प्रकाशित हुआ था। कलकत्ता में वर्ष 1780 में, भारत का पहला इंग्लिश न्यूजपेपर ‘बंगाल गजटÓ निकाला गया था। आज भी प्रिंट मीडिया अर्थात अखबार और मैगजीन्स दुनिया का सबसे सशक्त न्यूज मीडिया है।

जर्नलिज्म का परिचय

जर्नलिज्म एक व्यापक फील्ड है। अधिकांश लोग ऐसा मानते हैं कि, जर्नलिज्म केवल पॉलिटिक्स से संबद्ध होता है। जर्नलिज्म लेखन का एक ऐसा रूप है जिसमें लोगों को उनके आस-पास और देश-विदेश या फिर पूरे विश्व में होने वाली उन प्रमुख घटनाओं की जानकारी दी जाती है जिनके बारे में वे लोग पहले से शायद कुछ भी नहीं जानते हैं। जर्नलिज्म का पेशा अपनाने वाले लोगों को ही ‘जर्नलिस्टÓ कहा जाता है। ये पेशेवर न्यूजपेपर्स, मैगजीन्स, वेबसाइट्स या टीवी/ रेडियो स्टेशन में जॉब्स करते हैं या उक्त के लिए फ्रीलांसिंग करते हैं।

पोलिटिकल जर्नलिज्म का परिचय

‘पोलिटिकल जर्नलिज्मÓ जर्नलिज्म की एक महत्वपूर्ण शाखा है जिसमें पॉलिटिक्स और पोलिटिकल साइंस से संबद्ध सभी पहलू शामिल होते हैं। यद्यपि इस शब्द का इस्तेमाल विशेष रूप से राज्यों/ देश/ विदेश की सिविल सरकारों और पोलिटिकल पॉवर तथा उनसे संबद्ध सारे पोलिटिकल घटनाक्रम को कवर करने से संबद्ध है।
पोलिटिकल जर्नलिज्म का लक्ष्य मतदाताओं को विभिन्न स्थानीय और राज्य/ राष्ट्रीय मामलों के बारे में जानकारी और सूचना प्रदान करना होता है ताकि जनता-जनार्दन को निरंतर पोलिटिकल इवेंट्स की लेटेस्ट जानकारी मिलती रहे। पोलिटिकल जर्नलिज्म के तहत इलेक्टोरल जर्नलिज्म और मिलिट्री जर्नलिज्म को शामिल किया जाता है।
आसान शब्दों में, पोलिटिकल जर्नलिज्म सबसे लोकप्रिय जर्नलिज्म है। प्रिंट मीडिया से रेडियो और डिजिटल मीडिया तक, पोलिटिकल जर्नलिज्म हरेक मीडिया प्लेटफॉर्म में एक प्रसिद्ध फील्ड है। यह जर्नलिज्म की वह ब्रांच है जिसमें नेशनल और इंटरनेशनल पॉलिटिक्स के सभी पहलू कवर किये जाते हैं। इस फील्ड का मुख्य लक्ष्य वोटर्स को सरकार से संबद्ध उन सभी मामलों या मुद्दों के बारे में अपनी राय कायम करने के लिए जानकारी उपलब्ध करवाना होता है जिन मामलों का उन वोटर्स पर असर पड़ सकता है।

एक्सपर्ट पोलिटिकल जर्नलिस्ट बनने के लिए जरूरी हैं ये क्वालिटीज

– किसी अच्छे जर्नलिज्म कॉलेज/ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में बैचलर डिग्री प्राप्त करें।
– किसी न्यूजपेपर, मैगजीन या मीडिया कंपनी में इंटर्नशिप करें।
– किसी प्राइवेट न्यूज एजेंसी/ चैनल से वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त करें।
– अपना इम्प्रेसिव जॉब प्रोफाइल तैयार करें।
– पोलिटिकल जर्नलिस्ट के तौर पर करियर शुरू करने के स्टेप्स।
– यूजीसी से मान्यता प्राप्त किसी कॉलेज/ विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म या किसी भी संबद्ध विषय में बैचलर की डिग्री प्राप्त करें।
– अपनी राइटिंग स्किल्स को निखारें।
– अपनी फील्ड के रिपोर्टर्स और एडिटर्स से संपर्क कायम करें और अच्छे पेशेवर संबंध बनाएं।
– अपना ब्लॉग शुरू करें जिसमें हालिया पोलिटिकल इवेंट्स पर अपनी राय और विचार रखें।
– मीडिया लेडर स्ट्रेटेजी को फॉलो करें अर्थात शुरू में निचली पोस्ट पर जॉब ज्वाइन करके कार्य अनुभव प्राप्त होने के साथ-साथ तरक्की करते जायें।
– अपने मल्टी-मीडिया स्किल सेट को डेवलप करें।
– सोशल मीडिया पर अपना पर्सनल ब्रांड बनाएं जिसमें आपका पोलिटिकल टैलेंट नजर आए ताकि रिक्रूटर्स आपको जॉब या फ्रीलांसिंग प्रोजेक्ट्स ऑफर कर सकें।
– पेशेवर रवैया अपनाएं।

टॉप इंडियन जर्नलिज्म इंस्टीट्यूट्स

– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी)
– वर्ष 1955 में स्थापित, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन भारत का एक प्रमुख जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन कॉलेज है। इसे भारत सरकार द्वारा बढ़ावा और फंड दिया जाता है।
– एजे किदवई मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (एजेकेएमसीआरसी)
– एजे किदवई मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर की स्थापना वर्ष 1982 में की गई थी और यह भारत के प्रसिद्ध मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म कॉलेजों में से एक है। एजेकेएमसीआरसी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट और डॉक्टोरल लेवल प्रोग्राम्स ऑफर करता है।
– सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन।
– सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का एक हिस्सा है जिसकी स्थापना वर्ष 1990 में की गई थी। एसआईएमसी कैंपस पुणे, महाराष्ट्र में स्थित है। यह इंस्टीट्यूट अपने मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन के लिए मशहूर है।
– एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म
एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म की स्थापना बैंगलोर में, वर्ष 1994 में की गई थी। वर्ष 2000 में यह कॉलेज चेन्नई में शिफ्ट हो गया। यह इंस्टीट्यूट जर्नलिज्म के विविध विषयों में 1 वर्ष के पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्सेज ऑफर करता है।
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बैंगलोर (आईआईजेएनएम)
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बैंगलोर की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। इस इंस्टीट्यूट से स्टूडेंट्स प्रिंट, टेलीविजन, रेडियो और ऑनलाइन/ मल्टीमीडिया जर्नलिज्म जैसी विशेष फील्ड्स से संबद्ध जर्नलिज्म कोर्सेज करते हैं।

जर्नलिस्ट या पोलिटिकल जर्नलिस्ट के लिए प्रमुख जॉब रोल्स

जर्नलिस्ट
रिपोर्टर
एडिटर
कॉलमनिस्ट/ पोलिटिकल एनालिस्ट
कॉपी एडिटर
न्यूज प्रेजेंटर
फोटोग्राफर
पोलिटिकल कमेंटेटर
ब्लॉगर

 

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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