डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
सफलता की सीढ़ी… उद्देश्य और जुनून के बिना लक्ष्य प्राप्ति करना मुश्किल
मन की शांति, खुशी, जीवनत जीवन, परमानंद की प्राप्ति का बीज लिए प्रत्येक व्यक्ति जन्म लेता है, जिसे बच्चों की चपलता, उनके कार्य, उनकी दिनचर्या में स्पष्ट देखा जा सकता है। फिर क्यों गिने-चुने ही इस बीज की कठोर त्वचा भेदकर जीवनकाल में एक विराट वृक्ष का रूप ले लेते हैं, वहीं कोई बीज प्रस्फुटित भी नहीं हो पाता।
प्रत्येक व्यक्ति ने किसी विशिष्ट जीवन उद्देश्य के साथ जन्म लिया है। यह प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपने जीवन के उद्देश्य और उसके जुनून को खोजे। जीवन का उद्देश्य और जुनून व्यक्ति के जीवन का दिशा निर्देशन करते हैं, जैसे नाविकों के लिए ध्रुव तारा दिशा ज्ञान देता है और जिसके अभाव में नाव का अपने गंतव्य तक पहुंच असंभव है, इसी प्रकार उद्देश्य और जुनून के अभाव में व्यक्ति के लिए लक्ष्य निर्धारण और क्रियान्विती नामुमकिन है। सफलता की सीढ़ी प्रत्येक व्यक्ति को उसकी वांछित सफलता तक पहुंचाने के मार्गदर्शक की भूमिका निभाकर उसके उद्देश्य की क्रियान्विती का प्रयत्न कर रही है परंतु क्या आपने अपने उद्देश्य और अपने जुनून को खोज लिया है? मैं जीवन के साथ क्या सही कर सकता हूं? मेरे जीवन का उद्देश्य और जुनून क्या है? ऐसे प्रश्न आपके मन में आना स्वाभाविक है और यदि ऐसे प्रश्न आज तक आपके मन और मस्तिष्क को चौंका नहीं गए हैं, तो आपको इन प्रश्नों के उत्तर खोजे बिना आगे बढऩा नहीं चाहिए। आपको अपने जीवन को दिशा देने से पूर्व, अपने भविष्य को साधने से पहले इन प्रश्नों को टटोलना और इनके उत्तर खोजना अत्यंत आवश्यक है।
उद्देश्य और जुनून को खोजना व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है क्योंकि यह सफलता का पहला पायदान है जिस पर गुजरे बिना व्यक्ति में सफल व्यक्तित्व का उदयन असंभव है। यदि आपने उद्देश्य और जुनून को खोज लिया है सफलता की सीढ़ी चाहती है आप अपनी खोज को स्वीकारें, सम्मान करें, गर्व करें कि आपने अपने उद्देश्य और जुनून को खोज लिया गया है। यह स्वाभाविक है कि जीवन के उद्देश्य का ज्ञान और समझ को समझने में समय लगता है। आपकी लक्ष्य प्राप्ति की क्रियान्विती का बोध भी इस खोज के पश्चात ही होता है। कुछ के लिए जीवन का उद्देश्य व जुनून स्पष्ट होता है ऐसे लोग जन्म से प्रतिभा के धनी होते हैं और उन्हें अपने भीतर की प्रतिभा का ज्ञान कम उम्र में ही हो जाता है जिसे अपना उद्देश्य और जुनून बनाकर निकल पड़ते हैं यह जीवन में। ऐसा व्यक्ति हर स्तर पर अपनी प्रतिभा को निखारता ताराशता अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेता है परंतु ज्यादातर लोग इतने भाग्यशाली नहीं होते उन्हें अपने भीतर छुपे उद्देश्य को समझने में वक्त लगता है परंतु जब वह अपने उद्देश्य, जुनून को पहचान लेते हैं तो उनके भीतर उत्साह का संचार होता है जिसके फलस्वरूप वह एक सफल व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं परंतु अधिकतर इतने भाग्यशाली नहीं होते और मार्गदर्शन के अभाव में इस ज्ञान से वंचित रह जाते हैं उन्हें आजीवन उद्देश्यहीन जीवन बिताने के लिए विवश होना पड़ता है और वह सृष्टि की उद्देश्यहीन भीड़ का भाग बन जाते हैं।
अजी जीवन तो छोडि़ए, इन्हें आज के दिन का उद्देश्य भी पता नहीं होता। पूरा समय दूसरों के उद्देश्य उनके जुनून की पूर्ति करने में लगा देते हैं क्योंकि उनमें जीवन का उचित दिशा निर्देशन का अभाव है। मित्र वाणिज्य विषय लेना चाहता है क्योंकि उसे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना है उसका उद्देश्य स्पष्ट है उसके देखा देखी आपने भी उसी विषय का चुनाव किया तो आप अपने जीवन के उद्देश्य से भटक गए। माता-पिता ने कहा डॉक्टर बनो, क्यों? क्योंकि मेहता जी का बेटा इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है चाहे आपको भूगोल विषय में रुचि हो और आप प्रशासनिक सेवा परीक्षा देना चाहते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान से भी यूपीएससी आरपीएससी परीक्षा दी जा सकती हैं परंतु याद रहे प्रतियोगी परीक्षा में वही सफल होता है जिसे अमुख विषय को पढऩे, सिद्धांतों को समझने और उस विषय में पारंगत होने का जुनून हो। जो जिस विषय को पढऩे में सहज महसूस करते हैं वही उस विषय को 100 प्रतिशत दे पाएंगे। हद तो तब हो जाती है जब आप अपनी खुशी का दमन दूसरों के लिए कर देते हैं, शाम का समय आपके जिम जाने का है आपके मित्र के एक कॉल पर आप सारा काम छोड़कर उसके साथ पिक्चर जाने के लिए तैयार हो जाते हैं, शाम को पिक्चर जाने का उद्देश्य आपके मित्र का था आपका नहीं, हो सकता है वह अपना सारा कार्य पूर्ण कर आया हो लेकिन आप अपने दिन के उद्देश्य से भटक गए और अपने उद्देश्य को ताक पर रखकर उसके साथ निकल गए पिक्चर देखने। आपको याद रखना आवश्यक है कि, आत्म-नियंत्रण सफल व्यक्तित्व का निर्माण करता है। यदि आप अपने उद्देश्य और जुनून को दूसरों के कार्यों के लिए आहूत कर देते हैं जो स्पष्टत: जीवन के प्रति आपके उत्तरदायित्व की कमी को दर्शाता है, तो आप अपने लक्ष्य को कभी प्राप्त नहीं कर पाएंगे। जो व्यक्ति दूसरों के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपने भीतर की प्रतिभा का दमन करता है वह अपनी श्रेष्ठता प्राप्त करने के उद्देश्य का गला घोंट देता है। प्रतिभा आपको वह कर्म करने का जुनून प्रदान करती है जिस कार्य को करने के लिए आप सहज महसूस करते हैं जो आपके मन को प्रसन्नता की अनुभूति देती है। ऐसी प्रतिभा हितकर कार्यों के बहुआयामी नवीन स्त्रोत तक ले जाती है और यदि आप अपनी प्रतिभा से भिज्ञ हैं तो ऐसे कार्य करने और उन्हें और निखारने का जुनून स्वयं ही उत्पन्न हो जाता है क्योंकि प्रतिभा के अनुरूप किया गया कार्य सदैव सहज होता है और ‘सहूलियत के सिद्धांतÓ के अनुसार मानव को सहज कार्य करना बेहद पसंद है, ऐसी सहजता से किया गया कार्य व्यक्ति को सफलता के मार्ग पर और प्रशस्त करता है।
भिन्न प्रकार की प्रकृति व गुण लिए 2 जीवों का आमना सामना अक्सर हो जाता है, सांप और नेवला, जहां सांप चतुर, तीव्र, होशियार प्रकार का प्राणी होता है, वह नित-नई तरकीब सोच कर रखता है ताकि जब कभी उसका सामना नेवले से हो वह कौनसी तरकीब लगाकर उसे डस लेगा, वहीं दूसरी और नेवले के पास सिर्फ एक कौशल होता है उसे सांप से लडऩे का एक ही सरल तरीका आता है, वह सदैव अपने कौशल को तराश- तराशकर अपने आप को सिद्धहस्त कर लेता है। दोनों का आमना-सामना होने पर नेवला अपने कौशल की प्रवीणता का क्रियान्वयन कर सांप की सभी चाल से स्वयं को बचा लेता है और मौका मिलने पर सांप को मुंह से पकड़कर चित कर देता है। सांप चाहे कितनी भी नई रणनीति बना ले परंतु नेवला सदैव अंत में विजय होता है। वास्तविक जीवन में सांप के गुणों प्रकृति की तुलना उस व्यक्ति से की जा सकती है जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर नई रणनीति तैयार करता है, वह सदैव ट्रिक या लाइफ-हैक्ट में विश्वास करता हैं, ऐसा व्यक्ति 30 दिन में अंग्रेजी बोलना चाहता है, 1 महीने में 10 किलो वजन कम करने वाली विज्ञापन को खोजता रहता है, इनके जीवन में ठहराव का अभाव होता है, यह निरंतर अपने लक्ष्य को बदलते रहते हैं ऐसे व्यक्तित्व के भीतर उद्देश्य और कार्य के प्रति जुनून का अभाव साफ देखा जा सकता है। वहीं नेवले के गुण व प्रकृति की तुलना उन व्यक्तित्व से की जा सकती है जिनके उद्देश्य स्पष्ट होते हैं और उद्देश्य की प्राप्ति की रणनीति अत्यंत सहज एवं सरल होती है, जिसके फलस्वरूप ऐसे व्यक्ति रणनीति को लक्ष्य प्राप्ति के प्रारूप में ढाल लेते हैं। अंतर्निहित प्रतिभा से किए गए कार्यों से उन्हें प्रसन्नता एवं मन की तृप्ति मिलती है जो व्यक्ति के कार्य की क्रियान्विती में निरंतरता लाती है ऐसी निरंतरता व्यक्ति को उसकी कार्यप्रणाली पर भरोसा दिलाती है, ऐसा व्यक्ति व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाकर अपना लक्ष्य साध लेता है।
सफलता की सीढ़ी चाहती है कि आप अपने जीवन में अपने उद्देश्य को समझें और जूनून और प्रतिभा को खोजें। सफलता की सीढ़ी अगले भाग में आपके भीतर के जुनून और प्रतिभा को खोजने पर विस्तृत चर्चा करेगी तब तक सफलता की सीढ़ी आपको चिंतन के लिए कुछ प्रश्नों के साथ छोड़े जा रही है।
- आपको कौन सा कार्य करना पसंद है?
- कौन-कौन से काम करने में आप सहज महसूस करते हैं?
- जीवन की कोई ऐसी घटना जिसे याद कर आपको अत्यंत खुशी महसूस होती है?
‘सफलता का मार्ग उद्देश्य के कंपास और जुनून के
एक्सीलरेश से ही तय किया जा सकता है।Ó