डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
सफलता की सीढ़ी… शब्दों का सिद्धांत
भाषा व्यक्ति के व्यवहार और उसके व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब है। व्यक्ति द्वारा उच्चारित प्रत्येक शब्द अपने आप में अनेक अर्थ लिए हुए होता है। यदि व्यक्ति द्वारा सही शब्दों का चयन गलत तरीके व भाव से किया जाए तो अनर्थकारी परिणाम देता है। उचित शब्दों का प्रयोग व्यक्ति के जीवन में प्यार, आदर, धन व प्रसिद्धि के द्वार खोलता है। व्यक्ति द्वारा सही शब्दों का चुनाव उसके जीवन उद्देश्य और सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
इतिहास गवाह है, विश्व में क्रांति तलवार के जोर पर नहीं शब्दों की अभिव्यक्ति से लाई गई है। दुनिया के महान राजनेता, प्रगतिशील विचारक सदैव शब्दों के माध्यम से समाज व जन-समूह में अलख जगाकर उनकी भावनाओं में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हुए हैं और नई विचारधारा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। विश्व इतिहास कई सकारात्मक नकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है जो सिद्ध करते हैं कि, व्यक्ति द्वारा शब्दों का प्रयोग उसके अस्तित्व को तराशता है। जैसे महात्मा गांधी, एडोल्फ हिटलर, नेलसन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग। बहरहाल, कभी सोच कर देखिए, आप कितने योग्य हैं अपने शब्दों के चयन में। वह शब्द जो व्यक्ति को भीतर से प्रोत्साहित करते हैं, वह जो अपने आप में बदलाव को बेहतरी को प्रोत्साहित करते हैं, वह उसकी जीवनशैली को बेहतर बना सकते हैं। आप सोच रहे होंगे क्या वाकई व्यक्ति द्वारा अपने जीवन में उचित शब्दों के उपयोग से बदलाव लाया जा सकता है? इसका उत्तर है, हां।
व्यक्ति द्वारा उपयोग में लिए जाने वाले शब्दों जिसके द्वारा वह अपनी भावनाओं और अनुभव को प्रकट करता है परन्तु उसके दूरगामी परिणामों से अक्सर अनभिज्ञ रहता है। व्यक्ति का आत्मसंवाद प्रत्यक्ष रूप से उसके जीवन अनुभव का आईना होता है, यदि आपका आत्ममंथन नकारात्मकता लिए हुए है तो आपके जीवन को देखने का नजरिया भी नकारात्मक होगा। एक साधारण प्रज्ञावान व्यक्ति कुल शब्दकोश का मात्र 0.5 प्रतिशत अपने जीवनकाल में प्रयोग करता है, जिसमें से रोजमर्रा के उपयोगी शब्द मात्रा 200-300 होते हैं। डिक्शनरी में भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अनेक शब्द होने के बावजूद हम इतने कम शब्द रोजमर्रा में उपयोग क्यों करते हैं? इसका उत्तर व्यक्ति के मस्तिष्क में छुपा है जो चौबीसों घण्टे भावनाओं, विचारों, घटनाओं और सूचनाओं का तीव्रता से शगल करता है ताकि वह सूचनाओं को प्रभावी रूप से व्यक्त कर सके फलस्वरूप उन्हीं शब्दों की पुनरावृति सिलसिलेवार तौर पर होती चली जाती है।
यदि व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता है तो उसे अवश्य ही सकारात्मक सोच की जरूरत पड़ेगी जो से सकारात्मक शब्दों से ही प्राप्त हो सकती है। यदि हमें जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है तो हमें अपने शब्दों में बदलाव की आवश्यकता पड़ेगी। विपरीत परिस्थितियों, क्रोध, नुकसानी, अभद्र शब्दों की प्रतिक्रिया में आपके द्वारा उपयोग में लिए शब्द आपका उस घटना से नाता जोड़ देते हैं और उससे उत्पन्न आपकी भावनाओं से मस्तिष्क शब्दकोश से एक शब्द सुझाता है और उस शब्द के अर्थअनुसार व्यक्ति उस परिस्थिति से संबंध कायम कर प्रतिक्रिया देता है।
भविष्य में कभी व्यक्ति परिस्थिति में पुन: घिरता है या रूबरू होता है तब उसका मस्तिष्क पूर्व अनुभव अनुसार उन्हीं शब्दों का प्रयोग करने लगता है। उदाहरण के तौर पर यदि आप इंटरव्यू देने जा रहे हैं और पूर्व में यदि आप इंटरव्यू से पहले घबराए परेशान थे और उसी क्षण कोई आपसे पूछ बैठे, ‘कैसे होÓ, तो अवश्य ही आपके मुंह से यही निकलेगा, ‘घबराया हुआ हूंÓ या ‘परेशान हूंÓ। यदि आप पूर्व में किसी दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे हों और राह चलते कोई दुर्घटना देख लेते हैं तो आपका मस्तिष्क आपके पूर्व अनुभव अनुसार ही आत्मसंवाद में न चाहते हुए भी उन्हीं शब्दों का प्रयोग करने लगेगा जो उस क्षण आपने पूर्व में अनुभव किया था। इसलिए जो शब्द हमारे पूर्व अनुभव से जुड़े होते हैं वहीं आगे चलकर हमारे अनुभव बनते हैं।
सफलता की सीढ़ी चाहती है, आप अपनी प्रतिक्रिया में उपयोग होने वाले नकारात्मक शब्दों को सकारात्मक शब्दों से बदल दें क्योंकि आपके यही शब्द आपका नजरिया बन जाएंगे और अंत में अनुभव जो जीवन संघर्ष में आपको नकारात्मकता रूपी अभिव्यक्ति के रेगिस्तान में धकेल देंगे जो आपकी सफलता, खुशी, मानसिक शांति, परिवार व समाज के परिप्रेक्ष्य में विनाशकारी है। यहां आवश्यकता है सकारात्मक शब्दों से नकारात्मक शब्दों के बदलाव की ताकि हम घटनाओं के संदर्भ में भावनाओं को शब्दों के माध्यम बदलने के तरीके को बदल सकें ताकि व्यक्तिगत जीवन और गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। बदलाव लाना सरल है। एक नकारात्मक शब्द को सकारात्मक शब्द से बदल दें और धीरे-धीरे शब्द बढ़ाते जाएं जिससे आपके भावनात्मक रवैये में अविश्वसनीय बदलाव देखने को मिलेगा जो सकारात्मकता की ओर आपकी विचारधारा को मोड़ देगा।