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सफलता की सीढ़ी… जीवन उद्देश्य के पांच सिद्धांत
- अभिषेक सर
- 12-06-2020
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सफल व्यक्तित्व का निर्माण सुभीता (कंफर्ट) के मिथकों को तोडऩे वाले कठोर निर्णय से होता है। ऐसी सफलता की चकाचौंध किसी भी सराहने वाले व्यक्ति को ठग लेने में सक्षम है परंतु सत्य तो यह है कि सफल व्यक्तित्व के पीछे बहुत कुछ होता है अनकहा। आपकी एक सफलता आपकी कई असफलता को ढंक लेती है, ढेरों नाकामियों के आंसू को एक सफलता का आंसू छुपा लेता है। हम ऐसे व्यक्तित्व की छोटी-छोटी बातों पर गौर करने लगते हैं और जो बातें गौर करने लायक है उन्हें अनदेखा कर देते हैं। जब कभी आप ऐसे सफल व्यक्तित्व से रूबरू हों जिनके लिए आप में सराहनीय भाव है तो आप उनकी बातों को ध्यान से सुनें उनकी कार्यशैली पर गौर करें तब आप सफल व्यक्तित्व के पीछे छुपे उद्देश्य को समझ पाएंगे।
सफलता की सीढ़ी ने व्यक्ति के उद्देश्य व जुनून की प्राप्ति की प्रक्रिया को क्रमश: उद्देश्य के 5 सिद्धांतों से संबोधित किया है जिनके उत्तरोत्तर परिपालन से उद्देश्य व जुनून को अवश्य खोज लेंगे।
1) असाधारण प्रतिभा का सिद्धांत:
प्रत्येक व्यक्ति असाधारण प्रतिभा लिए पैदा होता है उसमें सफलता प्राप्त करने की शत-प्रतिशत क्षमता होती है। आप सोच रहे होंगे यदि ऐसा है तो सभी व्यक्ति सफल क्यों नहीं होते? सफलता की सीढ़ी अपने शब्दों पर कायम है कि सफलता प्राप्त करना अत्यंत सरल एवं सहज है, आपके मन में यह प्रश्न उठा होगा कि अगर सफलता प्राप्त करना आसान है तो कठिन क्या है, है ना? कठिन है व्यक्ति द्वारा अपनी असाधारण प्रतिभा को खोजना और इस प्रतिभा को तराश कर अनुकूल क्षेत्र में लगाना और अपने वांछित लक्ष्य को प्राप्त करना। जो व्यक्ति यह करने में सफल हो जाता है उसकी सफलता अवश्यंभावी है।
2) आत्म-संवाद का सिद्धांत:
हम सभी में अंतर्मन से संवाद स्थापित करने की कला होती है परंतु हम उसे तवज्जो नहीं देते हमें स्वयं से ज्यादा दूसरों के दृष्टिकोण और विचारों पर अटूट विश्वास होता है। यह मूर्खता ही है कि हम आत्म-विश्लेषण पर विश्वास ना कर दूसरों के मार्गदर्शन पर अपनी जिंदगी का दांव खेल जाते हैं, भला आपसे बेहतर आपको कौन जान सकता है, इसका उत्तर है कोई? नहीं! यहां आपको जरूरत है अपने अंतर्मन से संवाद कायम कर आत्म विश्लेषण करने की, आप कागज और कलम उठाकर पिछले अंक में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर ढूंढें़ जिनके उत्तर खोजने के लिए आपको अंतर्मन से संवाद स्थापित करना होगा इस आत्म-संवाद के बगैर आप इन प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाएंगे। ऐसे संवाद आपके भीतर की रूचि, पसंद, उत्साह, नापसंद के स्त्रोत खोलेंगे जो आत्म विश्लेषण के लिए उपयोगी होंगे। ऐसे संवाद उद्देश्य व जुनून खोजने के लिए ही नहीं बल्कि जीवन के किसी भी पहलू को खोजने के लिए कारगर साबित होंगे। माना आत्म संवाद स्थापित करना इतना आसान नहीं है और ऐसा संवाद कायम करने में वक्त लगता है परंतु क्या जीवन के उद्देश्य की खोज में उठाया यह कदम नगण्य नहीं है? हां यह नगण्य है क्योंकि इस उद्देश्य के पथ पर चलकर जो सफलता प्राप्त होगी वह आप को अचंभित कर देगी और ऐसी सफलता में उठा एक कदम अनमोल है क्योंकि आत्म-संवाद से उत्पन्न उद्देश्य सदैव पथ प्रदर्शित करता है।
3) मन का सिद्धांत:
व्यक्ति को अपने उद्देश्य तय करने से पूर्व मन को टटोल लेना आवश्यक है और मन से संवाद स्थापित कर अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय देकर उसे अपने जीवन के उद्देश्य बना लक्ष्य की ओर बढऩे की अनुमति मन से प्राप्त करनी चाहिए। याद रहे मन की अस्वीकृति के पश्चात तय किया उद्देश्य रुचिकर हो नहीं सकता, और मानव प्रकृति का नियम है कि रुचि के अभाव में किए गए कार्य की शत-प्रतिशत एकाग्रता असंभव है। रुचि और एकाग्रता के अभाव में उद्देश्य धरा का धरा रह जाता है व्यक्ति का मन उस कार्य में नहीं लगता वह सदैव मन मुताबिक कार्यों को ढूंढऩे में भटकता रहता है ऐसी परिस्थिति में वांछित सफलता प्राप्त करना कठिन हो जाता है। यहां आवश्यकता यह है कि आप अपने मन के इच्छित कार्यों की सूची तैयार करें जो आपके अनुसार आपकी असाधारण- प्रतिभा को चिन्हित करती हो, जिन्हें आप मन से टटोल लें ताकि लक्ष्य की प्राप्ति में मन एकाग्र होकर आपका साथ दे। मन के सिद्धांत के अनुसार मन की इच्छा के विरुद्ध लिया गया निर्णय व्यक्ति को उसके अपेक्षित लक्ष्य तक नहीं पहुंचा सकता।
4) उत्साह या जुनून का सिद्धांत:
जुनून की परिभाषा बेहद सरलता लिए जटिल है, आप सोच रहे होंगे यह क्या बात हुई, जी हां सफलता की सीढ़ी सच बोल रही है, इसका अर्थ है किसी कार्य को करने के लिए व्यक्ति द्वारा कोई भी कीमत देने को तैयार हो जाना, ऐसा कार्य व्यक्ति के जुनून या पैशन से परिभाषित किया जाता है। यह तो एक सरल परिभाषा है इसमें जटिल क्या है? यदि आप आत्म संवाद से अपने भीतर की असाधारण प्रतिभा को खोजें और उसे अपना उद्देश्य बनाएं ऐसे कार्य में आपका भरपूर मन लगेगा आपका मन आनंदित हो उठेगा जिससे आप को उस कार्य को सफलता से पूर्ण करने की आकांक्षा और अपेक्षा बढ़ेगी, आपको ऐसा कार्य सरल और सहज प्रतीत होगा और इस प्रक्रिया में आपके अंतर्मन में जो भाव उत्पन्न होंगे उसे जुनून से परिभाषित किया जाता है और इस प्रक्रिया के विपरीत आप ऐसा कोई कार्य करना चाहते हैं तो ऐसा कार्य जटिल हो जाता है।
5) वाणिज्यिक लाभ का सिद्धांत:
असाधारण प्रतिभा आपके कार्यक्षेत्र में आपको अग्रणी रखेगी और इस कार्य को करने के जुनून में आप अपनी प्रतिभा में और पारंगत हो जाएंगे अब तो बस आवश्यकता है आपको अपने उद्देश्य में वाणिज्यिक चक्का लगाने की ताकि जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। यदि आप में असाधारण प्रतिभा है और उसे आपने जीवन का उद्देश्य बनाया है और यदि आप उसे लाभप्रद बनाना चाहते हैं तो ऐसी असाधारण प्रतिभा के लाभ के नवीन स्त्रोत खोजने होंगे। प्रत्येक असाधारण प्रतिभा के वाणिज्यिक स्त्रोत अवश्य होते हैं तो अपने जुनून से स्त्रोत को खोजने का प्रयत्न करें।
हम सभी इन सभी सिद्धांतों से अवगत हैं हम सभी ने इन सिद्धांतों में से कम से कम एक सिद्धांत को स्वयं खोज लिया होगा और कुछ ने तो दो या दो से अधिक को ढूंढ़ क्रियान्विती भी की होगी। दुर्भाग्यवश यहां तक आकर अधिकांश लोग अपनी खोज को विराम दे देते हैं, आपके द्वारा खोजे गए सिद्धांत निसंदेह आपको एक अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए मददगार होंगे। यदि आप का उद्देश्य महान जीवन जीने का है तो आपके लिए आवश्यक होगा कि आप इन पांचों सिद्धांतों की क्रियान्वित कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
सफलता की सीढ़ी आपको बोध कराना चाहती है कि यदि आप असाधारण सफलता के प्रति उपेक्षित होकर केवल ऐसे कार्य या नौकरी की खोज में हैं जिसके लिए आपके भीतर जुनून है तो आप निसंदेह सफल होंगे परंतु अपने सच्चे सामथ्र्य तक नहीं पहुंच पाएंगे और अपने भीतर असाधारण प्रतिभा से लैस अपने मास्टर पीस को नहीं खोज पाएंगे और यदि आप का फोकस मोटी तनख्वाह तक सीमित है तो आपको अपने जुनून का दमन करना होगा और यदि आपका ध्यान महान बनने में है तो आप अपने जीवन में धन का संचार करने में असफल होंगे जबकि सफलता की सीढ़ी आपमें वह ऊर्जा झोंकना चाहती है जिससे आपका जुनून भी जिंदा रहे और आप सफलता के सोपान चढऩे के साथ ही अर्थिक उन्नति को भी प्राप्त करें। सफलता की सीढ़ी अपेक्षा करती है कि आप ऐसा जीवन यापन करें जहां मन की शांति, तसल्ली, सरल और सहज जीवन, अपनी इच्छा व प्रतिभा अनुसार कार्य और जीवन यापन के लिए पर्याप्त धन हो आप एक ऐसे मास्टर पीस कहलायें जिस के द्वार पर स्वयं सफलता दस्तक देती है।