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बदलेगा कॉलेज एग्जाम का पैटर्न
लॉकडाउन की वजह से स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और शैक्षिक संस्थान बंद हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं समेत सभी स्कूली परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। ज्यादातर संस्थान अब ऑनलाइन स्टडी की तैयारी में है। एग्जाम भी ऑनलाइन कराने का प्रस्ताव है।
नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने कॉलेज एग्जाम सिस्टम में कुछ बदलाव का सुझाव दिया है। जैसे छात्रों की मार्किंग इंटर्नल असेसमेंट के आधार पर करने को कहा गया है और परीक्षा की अवधि तीन घंटे से घटाकर 2 घंटे करने का सुझाव दिया गया है।
वहीं, ज्यादातर यूनिवर्सिटी ऑनलाइन एग्जाम कराने पर विचार कर रहे हैं। कई यूनिवर्सिटियों ने इंटर्नल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट तय करने के सुझाव को गलत बताया है। बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वेणुगोपाल के आर ने बताया कि इस तरह का असेसमेंट उचित नहीं होगा क्योंकि पहले के परफॉर्मेंस के आधार पर किसी की संभावनाओं का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, अगर स्थिति सही रही तो हम सामान्य तरीके से ही परीक्षा का आयोजन करेंगे। हम शहर में कई एग्जाम सेंटर बनाएंगे और कई शिफ्टों में परीक्षा होगी लेकिन अगर स्थिति सही नहीं हुई तो ऑनलाइन परीक्षा होगी। उन्होंने कहा, हम परीक्षा में मल्टिपल चॉइस क्वेस्चन का पैटर्न भी अपना सकते हैं। इससे परीक्षा कराना आसान होगा और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी सहूलियत होगी।
कब खुलेंगे कॉलेज?
इस महीने की शुरुआत में एक वेबिनार के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंकÓ ने छात्रों को संबोधित किया था। एक छात्र ने एचआरडी मिनिस्टर से पूछा कि कॉलेज कब खुलेंगे। इस पर एचआरडी मिनिस्टर ने जवाब दिया कि यूजीसी कैलेंडर में कॉलेज एग्जाम 1 जुलाई से कराने और अगस्त में नया सत्र शुरू करने का सुझाव दिया गया है। इसका मतलब कॉलेज अगस्त से खुल सकते हैं।
एचआरडी मिनिस्टर ने कहा, कॉलेज लेवल के एग्जाम 1 जुलाई से होंगे और जुलाई अंत तक रिजल्ट जारी करने की कोशिश करेंगे ताकि अगस्त से नया सत्र शुरू हो सके। हमने संस्थानों से अपने इलाके की स्थिति के बारे में अवगत होने का कहा है। अगर कोई इलाका जुलाई तक प्रभावित रहता है तो छात्रों को पहले हुए एग्जाम और इंटर्नल एग्जाम के आधार पर प्रमोट किया जा सकता है।
कॉलेजों में ऑनलाइन एग्जाम के तीन मॉडल
सरकार ने ऑनलाइन पढऩे-पढ़ाने के सिस्टम की संभावनाओं पर गौर करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमिटी गठित की है। इग्नू के वाइस चांसलर नागेश्वर राव उस कमिटी के अध्यक्ष हैं। कमिटी ने ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से संबंधित अपनी सिफारिशें जमा की हैं। उन सिफारिशों के हिस्से के तौर पर ऑनलाइन एग्जाम के तीन मॉडल भी पेश किए गए हैं।