विश्व आदिवासी दिवस पर प्रकृति रक्षकों ने रक्तदान एवं पौधरोपण से अनूठा संदेश दिया

 विश्व आदिवासी दिवस पर प्रकृति रक्षकों ने रक्तदान एवं पौधरोपण से अनूठा संदेश दिया

साबला, मुरली कटारा।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस के शुभ अवसर पर वांगवर, कांठल, कटारा क्षेत्र से बूढ़े, नौजवान, बालकों सहित महिलाओं ने रिमझिम रिमझिम बरसात के मौसम में बड़े धूम धाम हर्षोल्लास से आदिवासी दिवस मनाया।
सरकार के निर्देशानुसार कोविड 19 के नियमों का ध्यान रखते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत में आदिवासियों ने पौधरोपण व रक्तदान किया साथ ही आदिवासियों के संस्कृति के गुमर, मड़की, धाडूआ, गैर, गोफण, तीर कमान से धनुष चलाना, रस्सा कस्सी, ग्राम पंचायतनो रूपालु व रुपाली प्रतियोगिता एवं विविध प्रकार के आयोजन किये गए जिसमें बूढ़े, जवान महिलाओं ने खूब आनंद लिया।
रक्तदान करने वालों को सरपंचों द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं कक्षा दसवीं व बारवीं में 70 प्रतिशत अंक अर्जित करने वाले बालक बालिकाओं को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया एवं ग्राम पंचायत में नव नियुक्त सरपंचों को भी आदिवासियों द्वारा फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा के साथ लोकनृत्य, लोकगीत, नैसर्गिक जीवनशैली से लबरेज कार्यक्रम आयोजित हुये एवं पूरे क्षेत्र में रंग बिरंगे कार्यक्रम की झलक खूब बिखरी साथ ही कई जगह प्रकृति पूजक स्वरूप भी नजर आया। इस दौरान मौसम बड़ा सुहावना रहा दिन में कई बार रुक रुक कर रिमझिम रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा।
इसके पूर्व आदिवासियों ने अपने पुरखे क्रांति सूर्य बिरसा मुंडा, राष्ट्रभक्त भील राणा पुंजा, संत सुरमाल, संत देवपुरी महाराज, वालमरूषी, भील एकलव्य आदि कई महापुरुषों को माल्यार्पण कर अपने पुरखों की वीर गाथा एवं कविता, गीत संगीत का आयोजन भी किया गया।
आदिवासी दिवस पर चिकित्सा विभाग के कार्मिक, आल आदिवासी डॉक्टर वेलफेयर सोसायटी की ओर से कोविड 19 की गाइडलाईन को ध्यान में रखते हुए सोसायटी की तरफ से रैपिड ब्लड डोनेशन टीम का गठन किया व मरीजों के लिये व्हील चेयर ट्रोली प्रदान की गई। साथ ही जल जंगल जमीन के संरक्षण का संकल्प लिया गया। इस प्रकार प्रकृति रक्षकों ने रक्तदान एवं पौधरोपण से अनूठा संदेश दिया।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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