ओ मेरी बहना

 ओ मेरी बहना

रविन्द्र पुरी गोस्वामी (मोड़ी)
मोबाइल नं. 8112204094

ओ मेरी बहना,
क्या तोहफा दूं तुझे मैं इस राखी पर।
तेरी हर मुस्कान पर जान अटकी है मेरी,
तेरे कदमो में जिंदगी बसी है मेरी,
तेरे इन हाथों में किस्मत लिखी है मेरी,
मेरी इन आंखों में प्यार बसा है तेरा,
मेरी हर दुआ में नाम लिखा है तेरा,
तेरी हर दुआ पर जिक्र हुआ है मेरा।

ओ मेरी बहना,
क्या तोहफा दूं तुझे मैं इस राखी पर।
याद आती है मुझे बचपन की वो यादें,
जिनमें तू तेरे हाथों से मेरे लिए राखी बनाया करती थी।
याद है मुझे घर का वो आंगन,
जहां तू उंगली पकड़ मेरी, मुझे चलना सिखाया करती थी।
याद है मुझे वो गलियां,
जिनमें तू मुझे साइकिल चलाना सिखाया करती थी।
याद है मुझे तेरा वो बचपना,
जब तू मेरे साथ छोटे बच्चों की तरह खिलौनों से खेला करती थी।
याद है मुझे वो हर एक लम्हा,
जब तू खुद भूखे रहकर मुझको खाना खिलाया करती थी।
ओ मेरी बहना,
क्या तोहफा दूं तुझे मैं इस राखी पर।
याद है मुझे वो तेरी आंखो का सैलाब,
जो मेरे रूठ जाने पर तेरी आंखो में आ जाया करता था।
याद है मुझे तेरी वो हर एक मुस्कान,
जो मेरी एक झलक पाने पर तेरे चेहरे पर आ जाया करती थी।
याद है मुझे वो तेरे पिगी बैंक का फूटना,
जो मेरी हर एक ख्वाहिश को पूरा करने के लिए तोड़ा करती थी।
ओ मेरी बहना,
क्या तोहफा दूं तुझे मैं इस राखी पर।
तू तो भगवान का वो अनमोल गहना है,
जिसे पहनने के लिए हर भाई हर दम तरसा करता है।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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