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मेरा राष्ट्र ही मेरा करियर है को आत्मसात कर विवेकानंद के सपनों का भारत बनाएं: माली
सादड़ी (पाली)। ‘मेरा राष्ट्र ही मेरा करियर हैÓ को आत्मसात करते हुए विवेकानंद के सपनों का भारत बनाए। स्वामी विवेकानंद के संदेशों के सुपथ पर चलकर ही भारत विश्व शिखर पर आरुढ् हो सकता है। आज भी स्वामी विवेकानंद के संदेश प्रासंगिक हैं। स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक राष्ट्रीयता के जनक थे। उक्त उद्गार श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी के प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि, स्वामी विवेकानंद के शैक्षिक विचारों की आज भी प्रासंगिकता है। माली ने, ‘जिनके ओजस्वी वचनों से गूंज उठा था विश्व गगन। वही प्रेरणा पुंज हमारे, स्वामी पूज्य विवेकानंदÓ गीत गाकर सबको भाव विभोर कर दिया।
इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी, कन्हैयालाल, मधु गोस्वामी, सुशीला सोनी, रमेश सिंह राजपुरोहित व रमेश कुमार वछेटा ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला। करियर डे प्रभारी प्रकाश सिसोदिया ने करियर के विविध आयामों तथा राजीव गांधी करियर पोर्टल की जानकारी दी।
उपस्थित सभी लोगों ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर नरेंद्र बोहरा, पुरुषोत्तम समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। मंच संचालन प्रकाश सिसोदिया ने किया। इससे पूर्व विद्यालय में आनलाइन निबंध, भाषण तथा चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें आकांक्षा, संतोष, तन्वी राव व रविना अव्वल रही।
उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस 12 जनवरी को राज्य के विद्यालयों में करियर डे के रुप में मनाया जाता है।