जीवन

 जीवन

प्रकाश टेलर (वरिष्ठ अध्यापक)
रा.उ.मा.वि. चारभुजा, राजसमन्द

जीवन तो बहुत छोटा होता है
चलो इसे हंसकर जी ले
कल का क्या पता
चलो आज मस्ती में जी ले……

जिंदगी का क्या भरोसा है
आज यहां है तो कल वहां है
फिर न जाने कौन कहां है ???
ये तो संग है तभी खुशियां है…
वरना जिंदगी तो गम का सागर है
जिसे हंसते, गाते, रोते, जीना है

लहरें भी तो मस्ती में आती हैं,
और तट को छूकर चली जाती हैं
बस अर्चना है ना तो लहर बनूं और ना ही तट
बना दे मुझे कोई ऐसा कि, दोनो के बीच का संगम बन जाऊं….।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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