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भारत की गणित के क्षेत्र में विश्व को महत्वपूर्ण देन: माली
सादड़ी। भारत में गणित की उज्जवल परंपरा रही है। भारत की गणित के क्षेत्र में विश्व को महत्वपूर्ण देन है। शून्य, दशमलव प्रणाली, पाई का शुद्ध मान, कालगणना भारत की ही देन है जिस पर समूची दुनिया को गर्व है। श्रीनिवासन रामानुजन जैसे गणितज्ञ ने गणित के कई सूत्र व प्रमेय दिए। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय श्री धनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वावधान में गणित दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि विद्यार्थियों के दिलो-दिमाग से गणित का भय गणित शिक्षक निकाले इस हेतु गणित को रोचक तरीके से खेल खेल में सीखाना चाहिए। इस अवसर पर प्रकाश परमार ने वैदिक गणित के महत्व पर, गणित की वरिष्ठ अध्यापिका मनीषा ओझा ने गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जीवनी पर प्रकाश डाला। स्नेहलता गोस्वामी, महावीर प्रसाद व मधुगोस्वामी ने दैनिक जीवन में गणित के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर सरस्वती पालीवाल, रमेश सिंह राजपुरोहित व वीरमराम चौधरी ने भी विचार व्यक्त किए। प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने गणित शिक्षकों मनीषा ओझा व रमेश सिंह राजपुरोहित का भी बाहुमान किया। मोहनलाल, नरेंद्र कुमार बोहरा, पुरुषोत्तम समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। इससे पहले आनलाइन निबंध, चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को वार्षिकोत्सव पर सम्मानित किया जाएगा। गणित शिक्षिका मनीषा ओझा ने विद्यालय में गणित लैब को विकसित करने का संकल्प लिया जिसे सभी ने सराहा।
उल्लेखनीय है कि गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म दिन 22 दिसंबर गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है।