डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
एम पी यू ए टी की अकादमिक परिषद ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की 55 वीं अकादमिक परिषद की ऑन लाइन बैठक कुलपति सचिवालय में गुरुवार को संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉक्टर नरेंद्र सिंह राठौड़ ने की।
एमपीयूएटी कुलसचिव श्रीमती कविता पाठक ने बताया कि बैठक में विभिन्न संगठक महाविद्यालयों के अकादमिक मसलों से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक उद्यानिकी डॉक्टर ए के सिंह सहित कई अधिकारियों ने भाग लिया। वित्त नियंत्रक डॉ संजय सिंह, अनुसंधान निदेशक डॉ अभय मेहता, कुलपति के विशेष अधिकारी डॉक्टर विरेंद्र नेपालिया सहित सभी संगठक महाविद्यालयों के अधिष्ठाता क्रमश: डॉ ऋतु सिंघवी, डॉ. अरुणाभ जोशी, डॉ अजय कुमार शर्मा, डॉ वी. डी. मुद्गल, डॉ. सुबोध शर्मा. डॉ. के. एल. जीनगर, परीक्षा नियंत्रक डॉ सुनील इंटोडिया सहित सभी विभागाध्यक्षों ने बैठक में भाग लिया। कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की एवं निम्नलिखित निर्णय बैठक में लिए गए-
- बैठक के प्रारंभ में विगत 21 नवंबर 2019 को आयोजित 54 वीं अकादमी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय एवं कार्यों की समीक्षा की गई।
- डीन पी जी के प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय के उन स्नातकोत्तर एवं पीएचडी विद्यार्थियों के थीसिस वाइवा करवाने की अनुमति प्रदान की गई जिनके सभी प्रकार के कोर्स वर्क अनुसंधान कार्य, कंप्रहैंसिव परीक्षा इत्यादि संपन्न हो चुके हैं।
- राज्य सरकार की अनुशंसा पर आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण देते हुए सभी संकायों की सीटों में 10प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
- विश्वविद्यालय के सभी संगठक महाविद्यालयों में इस अकादमिक सत्र से संयुक्त प्रवेश परीक्षा अथवा प्रीपीजी परीक्षा के माध्यम से ही प्रवेश दिए जाएंगे।
- ऐसा देखा गया है कि कुछ विद्यार्थी स्वास्थ्य कारणों का बहाना बनाकर मिड टर्म परीक्षा समय पर देने से बचते हैं ऐसे विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम रु 500 प्रति विषय आर्थिक दण्ड लागू किया गया।
- सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय के संकाय का नाम सामुदायिक विज्ञान संकाय करने की अनुमति दी गई।
- राज्य सरकार की अनुशंसा पर इस वर्ष किसी भी संकाय में शुल्क वृद्धि नहीं की गई है, अत: इस वर्ष भी विगत अकादमिक वर्ष के अनुरूप ही विद्यार्थियों से शिक्षण एवं अन्य शुल्क लिया जाएगा।
- इस वर्ष सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय में ‘डिजाइनर हेल्थ फूड एवं बेकरी प्रोडक्टÓ तथा राजस्थान कृषि महाविद्यालय में ‘मशरूम उत्पादनÓ पर दो नए अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाइयां प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई इसके लिए कुलपति ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को विशेष रुप से धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
- अकादमिक सत्र 2019-20 के लिए आरएनटी कृषि महाविद्यालय कपासन को एम पी यू ए टी की संबद्धता प्रदान की गई इसके लिए वहां कृषि संकाय में अधिकतम 120 सीटों पर प्रवेश दिया जा सकेगा।
- डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में बी टेक बायो टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति दी गई।
- विश्वविद्यालय में रोजगार परक शिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कुलपति की अनुशंसा पर सभी संगठन महाविद्यालयो ने 1 माह के व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित किए। सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय के 6, डेरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के 8, मात्स्यकी महाविद्यालय के 2, राजस्थान कृषि महाविद्यालय के 21, प्रोद्यौगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के 26 एवं भीलवाड़ा कृषि महाविद्यालय द्वारा प्रस्तावित 3 व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ करने की मंजूरी दी गई। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से विश्वविद्यालय को अतिरिक्त आर्थिक लाभ होगा, साथ ही कृषि प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, डेरी एवं खाद्य विज्ञान तथा गृह विज्ञान विषयों में प्रशिक्षित युवाओं को तैयार किया जा सकेगा। इस प्रकार के पाठ्यक्रम विशेष तौर पर स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दृष्टि से तैयार किए गए हैं तथा इसी अकादमिक सत्र से यह पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
- इसी प्रकार राजस्थान कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग में एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम तथा प्रौद्योगिकी व अभियांत्रिकी महाविद्यालय में राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा परिषद की अनुशंसा अनुरूप विभिन्न विषयों में कुल्लू सर्टिफिकेट डिप्लोमा एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण मे स्नातक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति भी प्रदान की गई।
- अकादमिक परिषद की बैठक में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अकादमिक सत्र 2020 -21 के प्रोस्पेक्टस का विमोचन कुलपति के कर कमलों से किया गया। बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से किए जाने वाले अनुबंध के मसौदे पर चर्चा कर उसके ड्राफ्ट पर अनुमति प्रदान की गई साथ ही इस पर हस्ताक्षर से पूर्व राज्य सरकार से विराट की स्वीकृति लेने की बात कई गई।
- अकादमिक परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के स्कोर कार्ड निर्धारित किए गए।
बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ एके सिंह ने विश्वविद्यालय में प्रारंभ किये जा रहे व्यवसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की श्रृंखला को लेकर कुलपति को बधाई दी उन्होंने टेक्नोलॉजी आउटरीच प्रोग्राम पर जोर देने की बात कही जिससे अधिक से अधिक किसानों एवं विद्यार्थियों तक कृषि ज्ञान पहुंच सके एवं उनके कौशल एवं दक्षता में विकास हो सके इससे स्वरोजगार एवं कृषि व्यवसाय को अवश्य बढ़ावा मिलेगा जिससे प्रधानमंत्री के किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की ओर सकारात्मक कदम बढ़ेंगे उन्होंने कृषि में कंप्यूटर एवं सेंसर आधारित आधुनिक कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देने की बात कही। बैठक के अंत में अनुसंधान निदेशक डॉ अभय कुमार मेहता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।