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स्वतंत्रता सैनानी और मसूदा (अजमेर) कांग्रेस विधायक राकेश पारीक के पिता रामेश्वर लाल पारीक का निधन
सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने संवेदना प्रकट की।
अजमेर (अजय सिंह)।
अजमेर से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मसूदा से कांग्रेस के विधायक राकेश पारीक के पिता रामेश्वरलाल पारीक का 93 वर्ष की उम्र में 4 दिसम्बर को सरवाड़ में निधन हो गया। पारीक का अंतिम संस्कार सरवाड़ के श्मशान स्थल पर ही किया गया।
पारीक के निधन पर सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने संवेदना प्रकट की है। विधायक पारीक ने बताया कि गहलोत और पायलट ने फोन कर ढांढ़स बंधाया। रामेश्वर पारीक के पास भले ही स्वतंत्रता सैनानी होने का सरकारी सर्टिफेकेट नहीं हो लेकिन पारीक ने राजस्थान के प्रमुख स्वतंत्रता सैनानी ज्वाला प्रसाद शर्मा, माणिक्य लाल वर्मा, कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी, रुद्रदत्त मिश्रा आदि के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी। वे पूर्व में सरवाड़ तहसील के सरपंच भी रहे। वर्ष 1969 से 1991 तक सांपला के सरपंच रहे।
आपातकाल के बाद 1977 में जब भिनाय विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लडऩे वाला कोई नहीं था तब रामेश्वर पारीक ने हिम्मत दिखाई और चुनाव लड़ा। स्वर्गीय पारीक अपने जीवन काल में ग्रामीणों के लिए लगातार संघर्षरत रहे। भिनाय विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कई बार जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया। राजनीति में रह कर भी ईमानदारी की मिसाल कायम की।
उन्होंने अपने लिए कभी भी कुछ भी एकत्रित नहीं किया। पुत्र राकेश पारीक को भी स्वच्छ राजनीति करने की सीख दी। सीएम अशोक गहलोत भी पारीक को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं। भले ही उनके पुत्र राकेश पारीक विधायक बन गए हों लेकिन ग्रामीण पृष्ठभूमि के रामेश्वर पारीक ने कभी भी अभिमान नहीं किया। हालांकि उन्हें जयपुर से विधायक निवास पर रहने के लिए कहा गया लेकिन पारीक ने इंकार कर दिया।
शुद्ध शाकाहारी जीवन व्यतीत करने वाले रामेश्वर पारीक अंतिम समय तक स्वस्थ्य एवं प्रसन्न रहे। विधायक राकेश पारीक का कहना है कि आज वो जो कुछ भी हैं, उसके पीछे पिता का आशीर्वाद ही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि विधायक पारीक भी पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हो गए थे। पारीक ने जयपुर के सरकारी अस्पताल में अपना इलाज भी करवाया। अब उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।