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सीसीएएस में ऑनलाइन शिक्षण एवं मूल्याकंन सामग्री तैयार करने पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम सम्पन्न
उदयपुर। सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय में 27 से 29 अक्टूबर 2020 तक तीन दिवसीय ऑनलाइन शिक्षण एवं मूल्यांकन सामग्री विकसित करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान कोविड काल में ऑनलाइन शिक्षण करना शिक्षकों के लिए एक चुनौती है। अत: ऑनलाइन शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षकों में वांछित दक्षता विकसित करना अति आवश्यक है। इस हेतु इस प्रकार के प्रशिक्षण महत्वपूर्ण हैं।
महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. मीनू श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रशिक्षण माइक्रोसॉफ्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया जिसमे श्री पार्थ शुक्ला मुख्य प्रशिक्षक ने शिक्षकों को ऑनलाइन कनटेन्ट डिलवरी तथा इसके लिए प्रयुक्त विभिन्न सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी टूल्स के बारे में जानकारी दी। साथ ही इन टूल्स का गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सामग्री को वितरित करने हेतु सही तरीके से प्रयोग में लेना बताया गया ताकि महामारी के इस दौर में महाविद्यालय में ऑनलाइन शिक्षण विद्यार्थियों के लिए प्रभावी एवं रुचिपूर्ण तरीके से क्रियान्वित किया जा सके।
विशिष्ठ अतिथि डॉ. अजय कुमार शर्मा अधिष्ठाता सीटीएई ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा करवाने हेतु आईसीटी टूल्स के उपयोग पर भी जोर देने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण की आयोजन सचिव प्रो. सुमन औदिच्य ने बताया कि प्रशिक्षण में कुल 34 शिक्षकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के समन्वयक प्रो. धृति सोलंकी एवं प्रो. राजश्री उपाध्याय हैं व सहसमन्वयक डॉ. विक्रमादित्य दवे हैं।
प्रतिभागियों ने भी इस प्रशिक्षण को अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी बताया एवं इससे प्राप्त जानकारी का उपयोग ऑनलाइन शिक्षण हेतु किया जाना सुनिश्चित किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये गए।
पहले दिन के सत्र में कार्यक्रम प्रशिक्षक ने ऑनलाइन (सामग्री वितरण) कंटेंट डिलीवरी तथा उसके लिए उपयोग में आने वाले विभिन्न सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी टूल्स के बारे में बताया जिनके माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास तथा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने का कार्य किया जा सकता है।
उसके अलावा उन्होंने गूगल क्लास रूम बनाना, पाठ्य सामग्री तैयार करना, प्रश्न पत्र बनाना, छात्रों का समय समय पर फीडबैक लेना तथा उनके कार्यो का मूल्यांकन तथा निर्धारण करना और इन सभी कार्यो के लिए काम में आने वाली गूगल टूल्स के बारे में जानकारी दी।
दूसरे दिन के सत्र में उन्होंने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम तथा विभिन्न असेसमेंट टूल्स के बारे में बताया। कहूट, मेन्टीमीटर, टाइपफार्म आदि टूल्स के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा को रोचक प्रभावशाली तथा इंटरैक्टिव बनाया जा सकता है।
तीसरे सत्र में ऑनलाइन वीडियो क्लासेस यू ट््यूब चैनल्स तथा स्ट्रीमिंग ऑनलाइन ऑटोमेटिड सर्टिफिकेट जनरेशन की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजश्री उपाध्याय ने किया व धन्यवाद डॉ. धृति सोलंकी द्वारा ने ज्ञापित किया गया।