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उर्वरक विक्रेताओं के लिए वेबिनार का आयोजन
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय में 4 जुलाई, 2020 को एक दिवसीय ऑनलाईन वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार का विषय खुर्दरा उर्वरक विक्रेता प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम पूर्ण कर चुके प्रशिक्षणार्थिंयों का काउन्सलिंग एवं हेण्डहोलडिंग था।
वेबिनार के मुख्य अतिथि प्रो. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में कहा कि तकनीकी हस्तान्तरण में खुदरा उर्वरक की अहम भूमिका है। किसान कृषि सम्बन्धी किसी भी समस्या के समाधान के लिये सर्वप्रथम उर्वरक विक्रेता के पास ही जाता है। अत: विक्रेताओं को खाद, बीज, उर्वरक, मिट्टी परीक्षण, सिंचाई, कृषि उपकरण एवं कीट नाशकों का सम्पूर्ण ज्ञान होना अतिआवश्यक है। आजकल किसान उर्वरकों एवं कीटनाशकों का जरूरत से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। विक्रेता उन्हें समझाकर सही समय पर सही मात्रा में सही तरीके से फसलों में उर्वरक एवं कीटनाशकों के उपयोग को समझा सकते हैं। साथ ही विक्रेताओं को अपने काम में पारदर्शिता रखनी चाहिये ताकि किसानों को यह लगे कि उनके साथ कोई धोखा नहीं हो रहा। कोई भी माल बेचने से पहले उन्हें यह देख लेना चाहिये कि सरकार ने उसे पास किया है या नहीं।
कार्यक्रम के आरम्भ में निदेशक प्रसार शिक्षा, प्रो. एस.एल. मून्दड़ा ने सभी का स्वागत किया एवं वेबिनार के महत्व को समझाया। वेबिनार के मुख्य वक्ता डॉ. आर.जी. शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि आदान एवं जगपाल सिंह चौधरी, संयुक्त निदेशक, क्वालिटी कन्ट्रोल, पंत कृषि भवन, जयपुर थे। उन्होंने कृषि आदानों एवं उनके क्वालिटी कन्ट्रोल पर प्रकाश डाला। वेबिनार की आयोजक सचिव प्रो. लतिका व्यास थी। वेबिनार में कुल 102 प्रशिक्षणार्थिंयों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षणार्थी महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कार्यक्षेत्र में आ रहे जिले – बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चितौडग़ढ़, डूंगरपुर, राजसमन्द, प्रतापगढ़ एवं उदयपुर से थे।