बृजलता हाड़ा अजमेर की मेयर चुनी गई

 बृजलता हाड़ा अजमेर की मेयर चुनी गई

अजमेर, अजयसिंह।
7 फरवरी को भाजपा की उम्मीदवार बृजलता हाड़ा अजमेर नगर निगम की मेयर चुन ली गई है। 80 पार्षदों में से भाजपा के 48 पार्षद थे लेकिन मेयर चुनाव में श्रीमती हाड़ा को 61 वोट प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार द्रौपदी कोली को 19 वोट मिले।
भाजपा को 48 के बजाए 61 वोट मिलने से जाहिर है कि भाजपा को निर्दलीय उम्मीदवारों के वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस के पार्षदों में क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है। अजमेर में 13 निर्दलीय तथा एक आरएलपी का उम्मीदवार विजयी हुआ है। निवर्तमान शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि कांग्रेस के 18 पार्षद हैं और हमारी उम्मीदवार द्रौपदी कोली को 19 वोट मिले हैं। इसलिए कांग्रेस ने क्रॉसवोटिंंग की आशंका निर्मूल है।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशी हेमंत भाटी ने कहा कि नगर निगम के चुनाव में टिकिट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार तक की गतिविधियों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सामूहिक प्रयास होते तो कांग्रेस की उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिल सकते थे। कांग्रेस के नेता अब कुछ भी तर्क दें लेकिन चुनाव परिणाम बताते हैं कि कांग्रेस की चूक उजागर हुई है।
यह सही है कि कांग्रेस से 18 उम्मीदवार जीते लेकिन मुस्लिम बहुल्य 3 वार्डों में विजय मुस्लिम पार्षद भी कांग्रेस के पास होने का दावा किया गया। इसी प्रकार जो 13 निर्दलीय चुनाव जीते हैं, उनमें से कई कांग्रेस के बागी हैं लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 19 वोट मिले हैं। यानि निर्दलीय पार्षदों को समर्थन में लाने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने कोई प्रयास नहीं किए।
निगम चुनाव में भाजपा के प्रभारी पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि यह जीत अजमेर की जनता की जीत है। 80 में से 61 पार्षदों के समर्थन से साफ जाहिर है कि अजमेर के नागरिक भाजपा के साथ हैं। विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, सांसद भागीरथ चौधरी, अरविंद यादव, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, दीपक भाकर आदि वरिष्ठ नेता भी 7 फरवरी को मतदान के समय निगम परिसर में मौजूद रहे। भाजपा ने एकजुटता के साथ नगर निगम का चुनाव लड़ा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश में हो रहे 90 निकाय चुनाव में से अजमेर में ही नगर निगम के चुनाव हुए हैं। यहां कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। 7 फरवरी को जब निगम परिसर में मतदान हो रहा था, तब पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, डॉ राजकुमार जयपाल और विजय जैन न्यूज चैनलों पर दावा कर रहे थे, मेयर के चुनाव में भाजपा पार्षदों के बीच फूट है और कांग्रेस की उम्मीदवार द्रौपदी कोली मेयर बनेगी लेकिन मात्र एक घंटे बाद घोषित परिणाम से जाहिर है कि कांग्रेस अपने पार्षदों को भी संभाल कर नहीं रख सकी है।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

Related post