स्वतन्त्रता दिवस- शुभकामना संदेश

 स्वतन्त्रता दिवस- शुभकामना संदेश

इन्द्र भंसाली ‘अमरÓ
जयपुर
मो. 8949508217
हम 75 वां स्वतन्त्रता दिवस मना रहे हंै इस बार। सर्वप्रथम मैं बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं संपादक एवं संपादक मंडल को जिनके कारण मैं इस शुभकामना संदेश के माध्यम से सब से जुड़ा हूं। इसके पश्चात् इस ‘अरावली पोस्टÓ समाचार पत्र के समस्त लेखकों एवं पाठकों एवं उन समस्त सहयोगियों को स्वतन्त्रता दिवस पर अपनी शुभकामना प्रेषित करना चाहता हूं जो इस समाचार पत्र के स्थायी स्तंभ है व जिनके कारण इसका सफल प्रकाशन संभव हो सका है।
अब मैं स्वतन्त्रता दिवस पर देश की उस सहिष्णु जनता को शुभकामनाएं देना चाहता हूं जो पिछले काफी समय से बहुत मुश्किल वक्त से गुजरते हुये भी अपने धैर्य को बांध रखने में सफल हुये हैं और कोई अनर्गल प्रलाप किये बिना इस देश की व्यवस्था को सुचारू रूप से शांति से चलने देने में अपना सबसे महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं। मैैं उन सब नेताओं एवं नेत्रियों को इस स्वतन्त्रता दिवस पर शुभकामनायें एवं बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने अपने सच्चे मन से मां भारती की सेवा में अपना तन, मन, धन व जीवन अर्पण किया है व कर रहे हैं जो कि उनके कुशल नेतृत्व के बिना संभव नहीं होता।
विशेष रूप से उन सैनिकों को इस स्वतन्त्रता दिवस पर शुभकामनायें जो रात-दिन सीमाओं पर देश की रक्षा में जुटे हैं एवं उन शहीदों के परिवारों को भी जिन्होंने अपने सपूत, पति को देश की रक्षा करते हुए उन्हें खोया है। मैं देश के सभी उद्योगपतियों, व्यापारियों, व्यावसाइयों, किसानों, समाजसेवियों, राजकीय सेवा में जुटे कर्मचारियों एवं अधिकारियों को स्वतन्त्रता दिवस पर शुभकामनायें एवं बधाई अर्पण करता हूं जिन्होंने ईमानदारी से इस देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है एवं समाज के प्रति अपने कत्र्तव्यों एवं दायित्वों को भली भांति निभाया है।
मैं पुलिस व उनके अधिकारीगण, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ एवं समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को भी शुभकामनायें प्रेषित करता हूं जिन्होंने पूरे कोविडकाल में वर्ष के 365 दिन जनता की सेवा में एवं उनकी प्राण रक्षा में जी जान से अर्पण किये एवं आज भी अपनी कत्र्तव्यनिष्ठा एवं सहयोग को अपनी पूरी भावना से निभा रहे हैं। मैं उन समस्त शिक्षकों, गुरूओं, अध्यापकों एवं आचार्यो को स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें देता हूं जो अपने दायित्वों एवं कत्र्तव्यों का निर्वहन करते हुये देश की भावी पीढ़ी को तैयार करने में अपना योगदान दे रहे है। अंत में मैं विभिन्न तरह के खेलों में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों एवं ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतकर लाने वाले सभी खिलाडिय़ों को शुभकामनायें एवं बधाई देता हूं जिन्होंने अपने अनवरत परिश्रम, लगन एवं निष्ठा के बल पर देश का नाम रोशन किया है।
देश के 75 वें स्वतन्त्रता दिवस पर मैं विभिन्न पार्टियों के पक्ष एवं विपक्ष के उन सब नेताओं को भी शुभकामनायें एवं बधाई देता हूं जिन्होंने देश के संविधान एवं इसके प्रति निष्ठा की शपथ लेने के बाद भी विभिन्न तरह के भ्रष्टाचार के प्रकरणों में अपनी लिप्तता का योगदान किया एवं यही नहीं देश की संसद तक को सुचारू रूप से न चलने देकर किसी सार्थक बहस के बजाय कत्र्तव्यच्युत होकर लोकतन्त्र की हत्या में पूरा योगदान दिया व जिसके कारण देश के करोड़ों रूपये बरबाद हो गये।
मैं उन डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों, फार्मासिस्टों, उनके सहयोगियों एवं नेताओं को भी इस अवसर पर शुभकामनायें एवं बधाई देता हूं जिन्होंने अतिरिक्त स्वतन्त्रता लेकर पूरे कोविड काल में सेवा धर्म के बदले न केवल दवाईयां एवं उपकरणों की कालाबाजारी कर लोगों की जान से खेलते हुये अकूत धन कमाया बल्कि नकली दवाईयां व उपकरण बेचने में अग्रणी रहे एवं ऑक्सीजन सिलेंडरों की हेराफेरी व कालाबाजारी में लिप्त रहकर लोगों के प्राणों से बेशर्मी से खेलते हुये व उसमें भी सियासत करते हुये संकोच नहीं किया। मैं उन सब भ्रष्ट एवं चरित्रहीन सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी इस स्वतन्त्रता दिवस पर बधाई एवं शुभकामनायें प्रेषित करता हूं जिन्होंने अपने पद का दुरूपयोग करते हुये न केवल जनता के कामों को अधिक से अधिक देरी तक टालने में कामयाब हुये बल्कि जहां भी संभव हो सका रिश्वत खाकर काम करने का कोई भी अवसर हाथ से नहीं जाने दिया और सिद्ध कर दिया कि वे भारतीय संस्कृति में रिश्वत को अपना उचित स्थान एवं सम्मान दिलाने में जी जान से जुटे हुये है ताकि इसे राष्ट्रीय धर्म की संज्ञा दी जा सके।
यही नहीं मैं उन सब सरकारों को भी स्वतन्त्रता दिवस पर इस बात की स्वतन्त्रता लेने पर बधाई एवं शुभकामनायें देता हूं जिन्होंने रिश्वत के अनेकानेक प्रकरणों में रंगे हाथों पकड़े जाने वाले विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति न देकर उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाहियों पर पूर्ण विराम लगाकर अनुग्रहित किया एवं यही नहीं उनकी रक्षा कर उन्हें पूरी बेशर्मी से अपनाकर उनका प्रमोशन भी कर दिया व सिद्ध कर दिया कि ये लोक सेवक लोकतान्त्रिक मानदंडों से ऊपर अपना साम्राज्य बनाये रखने में सफल हुये हंै और जनता के प्रति निष्ठा का उनके लिये कोई मूल्य नहीं है।
मैं इस देश की जनता के इस सहिष्णु रूप को भी बधाई एवं शुभकामनायें देता हूं जो अपनी समस्याओं या अपने आराम में इतने मशगूल हंै कि उन्हें देश के सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों व अपने नेताओं के इस स्वरूप से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं पुलिस एवं उनके उन अधिकारियों को भी स्वतन्त्रता दिवस पर शुभकामना देना चाहूंगा जो अपनी कत्र्तव्यनिष्ठा से च्युत होकर कई बार न केवल अपराधियों को जान बूझकर नहीं पकड़ते वरन् उन्हें भाग जाने का मौका भी देते हैं, उन्हें जेलों में सभी तरह की सुविधायें दी जाती हैं जिनकी पात्रता उन अपराधियों में नहीं होती एवं कभी कभी अपराधियों को ऐसी धाराओं में ला पटकते हैं जिनमें आसानी से जमानत प्राप्त हो सके व ये अपराधी बाहर जाकर फिर से अपनी मनमानी, गुंडागर्दी और भी स्वतन्त्रता से कर सकें।
मैं उन सभी कथित बुद्धिजीवियों को इस अवसर पर बधाई एवं शुभकामनायें देता हूं जिन्हें इस देश में रहते हुये डर लगता है पर कहीं और जाकर रहने में उससे भी ज्यादा डर लगता है। मैं समस्त अपराधियों एवं बलात्कारियों को भी इस स्वतन्त्रता दिवस पर बधाई एवं शुभकामनायें देता हूं जो स्वतन्त्रता को निजी तौर पर अमानवीय कृत्यों में बदल देने की योग्यता रखते हैं। अंत में मैं स्वयं को भी स्वतन्त्रता दिवस की बधाई देता हूं जो स्वयं गलतियों का पुतला होने के बावजूद भी इतना साहस दिखाने की कोशिश में लगा हूं कि पूरे सिस्टम की गलतियों के विरूद्ध उंगली उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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