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वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि एवं उपयोगिता समझाई
साबला, मुरली कटारा।
साबला निकटतम गांव धोलिरेड में मंगलवार को अखिल भारतीय समन्वित कृषि प्रणाली परियोजना, अनुसंधान निदेशालय महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय उदयपुर के तत्वाधान में कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण में मुख्यत: वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि एवं उपयोगिता के बारे में विधि तथा आधुनिक कृषि में महत्व व उपयोगिता के बारे बताते हुए कहा गया कि इससे भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। दशोरा ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों की मात्रा कम करके वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग बढ़ाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है एवं रासायनिक खाद में कमी आएगी।
इस प्रशिक्षण में तीनों गांव धोलिरेड, धाणी कटारा, धाणी वगलाई, के कृषकों ने भाग लिया। साथ ही कृषि परियोजना प्रभारी डॉ. दशोरा ने चिन्हित 30 कृषकों को वर्मी बेड भी दिया। जिसका उपयोग कृषक के स्वयं अपने खेत पर तैयार करने को कहा गया। इसके पूर्व कृषकों ने डॉ दशोरा को अग्रिम शुभकामनाओं सहित विदाई समारोह भी दिया। प्रशिक्षण में किसानों का पंजीयन एकलिंग सिंह राठौड़ ने एवं आभार व्यक्त रामजीलाल ने किया।