डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
निकाय बोर्डों में अध्यक्ष उपाध्यक्ष पदों के लिए सियासी जोड़तोड़ जारी
भाजपा विधायक देवनानी के लिए आसान नहीं है अजमेर के डिप्टी मेयर के उम्मीदवार का चयन
ज्ञान सारस्वत को मिल सकता है विधायक भदेल का समर्थन
सीएम अशोक गहलोत का फोन आने के बाद किशनगढ़ में कांग्रेस का सभापति बनाने में जुटे निर्दलीय विधायक सुरेश टाक
बिजयनगर में निर्दलीय पार्षद प्रवीण बडौला भाजपा के पक्ष में आए। कांग्रेस के निर्दलीय ज्योति यादव को उम्मीदवार बना कर चाल चली है।
केकड़ी में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के सामने भाजपा के 17 पार्षदों को एकजुट रखने की चुनौती।
अजमेर, अजय सिंह।
अजमेर नगर निगम के मेयर पद के लिए बृजलता हाड़ा को भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अब उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के सामने डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार तय करना सबसे बड़ी चुनौती है। मेयर का चुनाव 7 फरवरी को होना है और श्रीमती हाड़ा का मेयर बनना तय है क्योंकि 80 में से 48 भाजपा के पार्षद हैं। कांग्रेस के लिए भाजपा पार्षदों में तोडफ़ोड़ की कोई गुंजाईश नहीं है लेकिन डिप्टी मेयर पद को लेकर भाजपा में बड़ी चुनौती है। डिप्टी मेयर का चुनाव 8 फरवरी को होगा।
डिप्टी मेयर के सभी दावेदार उत्तर क्षेत्र के पार्षद ही हैं। मेयर उम्मीदवार को लेकर जो राजनीतिक तनाव दक्षिण क्षेत्र की विधायक श्रीमती अनिता भदेल के दिमाग में था, वही तनाव अब डिप्टी मेयर को लेकर देवनानी के दिमाग में है। दावेदारों की वरिष्ठता और लोकप्रियता को देखा जाए तो वार्ड 4 के पार्षद ज्ञान सारस्वत का पलड़ा भारी है। सारस्वत लगातार तीसरी बार पार्षद बने हैं तथा प्रदेश में सर्वाधिक प्रतिशत मतों से जीतने वाले पार्षद हैं। सारस्वत के सामने कांग्रेस प्रत्याशी की बुरी हार हुई है।
डिप्टी मेयर का पद आरक्षित नहीं है इसलिए सारस्वत का दावा मजबूत है लेकिन देवनानी को सारस्वत की लोकप्रियता से डर लगता है। सारस्वत आगे चलकर उत्तर क्षेत्र से विधायक पद पर दावेदारी जता सकते हैं। हालांकि देवनानी को लगातार चौथी बार विधायक बनाने में सारस्वत की भी भूमिका रही है और इसीलिए सारस्वत चाहते हैं कि डिप्टी मेयर के लिए देवनानी खुलकर समर्थन करें।
डिप्टी मेयर के पद पर सामान्य वर्ग से नीरज जैन भी अपनी मजबूत दावेदारी जता रहे हैं। हालांकि डिप्टी मेयर के उम्मीदवार को लेकर देवनानी ने अभी अपनी कोई राय नहीं दी है लेकिन बताया जाता है कि देवनानी का झुकाव वार्ड 71 के पार्षद रमेश सोनी के पक्ष में हैं। सोनी ओबीसी वर्ग के हैं। ऐसे में देखना होगा कि सामान्य वर्ग के ज्ञान सारस्वत और नीरज जैन की उपेक्षा कर ओबीसी वर्ग के पार्षद को किस प्रकार डिप्टी मेयर बनाया जाता है।
यदि रमेश सोनी का नाम चलेगा तो फिर वार्ड पांच के पार्षद अजय वर्मा भी देवनानी के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत करेंगे। वर्मा अजमेर के लोक अभियोजक रह चुके हैं। वर्मा को देवनानी के गुट का माना जाता है। सोनी की उम्मीदवार पर अजय वर्मा की देवनानी से नाराजगी होगी।
जहां तक दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल की भूमिका का सवाल है तो भदेल भी चाहेंगी कि ज्ञान सारस्वत डिप्टी मेयर बने। यानि बृजलता हाड़ा वाला बदला पूरा हो जाएगा। मेयर पद के उम्मीदवार को लेकर भी अजमेर के भाजपा नेताओं में खींचतान थी लेकिन निगम चुनाव प्रभारी अरुण चतुर्वेदी ने सक्रिय भूमिका निभा बाधाओं को निपटा दिया। उम्मीद है कि डिप्टी मेयर की बाधाओं को भी चतुर्वेदी ही दूर करेंगे। ऐसे में ज्ञान सारस्वत के डिप्टी मेयर बनने की उम्मीद है।
कांग्रेस का सभा पति बनाने में जुटे विधायक टाक
किशनगढ़ नगर परिषद के 60 वार्डों के चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने प्रगति मंच बनाकर अपने उम्मीदवार खड़े किए लेकिन सभा पति के चुनाव में कांग्रेस का सभापति बनवाने के लिए टाक अब मेहनत कर रहे हैं। इसके पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोन रहा है।
जानकार सूत्रों के अनुसार गहलोत ने टाक को फोन कर कहा है कि किशनगढ़ में कांग्रेस का सभापति बनना चाहिए। सीएम के फोन के बाद सुरेश टाक कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं। हालांकि 60 पार्षदों में से 34 भाजपा के हैं और भाजपा का सभापति बनना तय है लेकिन सुरेश टाक का प्रयास है कि अब भाजपा के पार्षदों के बीच तोडफोड़ करवाई जाए।
कांग्रेस के 17 पार्षद हैं, इनमें प्रगति मंच के 6 और 3 निर्दलीय पार्षद भी शामिल हो गए हैं। यानि अब टाक के पास 26 पार्षदों का बहुमत है। जबकि सभा पति बनवाने के लिए 31 पार्षद चाहिए। टाक को उम्मीद है कि भाजपा में बगावत से पांच-छह पार्षद क्रॉस वोटिंग करेंगे। यहां भाजपा ने दिनेश राठौड़ और कांग्रेस ने प्रदीप अग्रवाल को सभापति पद का उम्मीदवार बनाया है।
टाक और अग्रवाल में छत्तीस का आंकड़ा बताया जाता है लेकिन इसे राजनीतिक मजबूरी ही कहा जाएगा कि अब टाक अपने प्रतिद्वंद्वी प्रदीप अग्रवाल को ही सभापति बनाने में जुट गए हैं। प्रदीप अग्रवाल की उम्मीदवारी तय करवाने में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की सिफारिश रही है। देखना होगा कि विधायक टाक किशनगढ़ में कांग्रेस का सभापति किस प्रकार से बनवाते हैं। वहीं भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रो. बीपी सारस्वत का कहना है कि कांग्रेस कितने भी हथकंडे अपना ले लेकिन भाजपा के पार्षदों में फूट नहीं हो सकती है। 7 फरवरी को सभापति के पद पर भाजपा के उम्मीदवार दिनेश राठौड़ की ही जीत होगी। हमें पता है कि इस चुनाव में कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर रही है लेकिन कांग्रेस अपने मंसूबों में सफल नहीं होगी।
निर्दलीय पार्षद भाजपा के पक्ष में
बिजयनगर नगर पालिका में भी भाजपा को बहुमत हासिल है लेकिन कांग्रेस की तोडफोड़ की रणनीति को देखते हुए निर्दलीय पार्षद प्रवीण बडौला को भाजपा के समर्थन में लाया गया है। 35 में से 19 पार्षद भाजपा के हैं और अब एक निर्दलीय पार्षद के समर्थन से भाजपा की संख्या 20 हो गई है। कांग्रेस ने निर्दलीय पार्षद ज्योति यादव को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के पास 14 पार्षद हैं। भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा का कहना है कि कांग्रेस कितना भी जोर लगा ले लेकिन भाजपा के पार्षद एकजुट रहेंगे।
केकड़ी में भाजपा के सामने चुनौती
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी की नगर पालिका में भाजपा के पार्षदों को एकजुट रखने की चुनौती बनी हुई है। हालांकि 40 में से कांग्रेस के 21 पार्षद हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार कमलेश साहू का अध्यक्ष बनना तय है लेकिन कांग्रेस का प्रयास है कि भाजपा पार्षदों में भी तोड़ फोड़ करवाई जाए। केकड़ी में दो निर्दलीय पार्षद पहले ही कांग्रेस की बाड़ाबंदी में चले गए हैं। भाजपा ने यहां मिश्रीलाल डसानिया को अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया है। सरवाड़ नगर पालिका में कांग्रेस की छगन कंवर राठौड़ का अध्यक्ष बनना तय हैं। 25 में से कांग्रेस के 15 पार्षद हैं।