सफलता की सीढ़ी… स्थिर मन और विचार ही आपको आपकी वांछित सफलता तक पहुंचाएंगे

 सफलता  की  सीढ़ी… स्थिर मन और विचार ही आपको आपकी वांछित सफलता तक पहुंचाएंगे

व्यक्ति के विचार उसके व्यक्तित्व को गढ़ते हैं। उसके विचार का घनत्व इतना व्यापक है कि, व्यक्ति की दिनचर्या, उसके कार्य, व्यवहार और हर पहलू पर विचारों का दखल होता है। व्यक्ति अपने विचारों के अनुरूप ही जीवन उद्देश्य तय करता है। यदि व्यक्ति को समाज हित के विचार हैं तो वह समाज सेवी, जनकल्याण के विचारों के लिए जनप्रतिनिधि, उपचार के विचारों के साथ चिकित्सक आदि और इस प्रकार व्यक्ति अपने विचारों से जीवन उद्देश्य खोजता है। उसके विचार ही उसके मन का प्रतिबिम्ब हैं जो उसके व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। यदि व्यक्ति को उसका जीवन उद्देश्य खोजना हो तो उसे अपने विचारों को लेकर सजग होने की आवश्यकता है। जो व्यक्ति अंर्तमन में झांक कर अपने विचारों का बारीकी से अध्ययन कर खोज सकता है। व्यक्ति का मन बड़ा प्रबल है यदि वह अपने विचारों में सकारात्मक विचार प्रवाहित करेगा तो अवश्य ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दृष्टिगोचर होंगे। व्यक्ति के विचार ही सही और गलत में भेद कराते हैं जिसके अनुरूप व्यक्ति अपना चरित्र निर्माण करता है क्योंकि अंतत: विचार ही कर्म का रूप लेते हैं।
व्यक्ति के प्रत्येक कृत्य के पीछे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी सोच का बड़ा हाथ होता है। सोच विचारों को जन्म देते हैं और सोच व विचारों की पृष्ठभूमि व्यक्ति का मन है, मन में उत्पन्न विचार उस वृक्ष के समान हैं जिसके फल का स्वाद व्यक्ति के मन में उत्पन्न विचारों से निर्धारित होता है। यदि नकारात्मक विचारों का वृक्षारोपण किया है तो जीवन का फल कड़वा होगा और यदि सकारात्मक विचारों के बीज बोएं हैं तो जीवन का फल मीठा होगा। बहरहाल यह आप पर निर्भर करता है कि, आप अपने विचारों को लेकर स्वयं से कैसा संवाद स्थापित करते हैं।
व्यक्ति अपने विचारों का स्वामी है और यह विचार ही हैं जिनमें इतनी क्षमता है कि, वह व्यक्ति के चरित्र, व्यवहार, सोच, कार्य व दृष्टिकोण में आमूलचूल परिवर्तन करा सकते हैं। यदि व्यक्ति अपने विचारों को काबू कर उसे सही दिशा देने में सफल होता है तो वह अपने जीवन में जो चाहे पा सकता है। जो चाहे वह बन सकता है परन्तु व्यक्ति अपने विचारों को सही दिशा न दे पाने की स्थिति में अक्सर इन विचारों के अंतद्व्रंद में दुखी रहता है।
विचार सदैव परिवर्तनशील होते हैं जो समय, काल, परिस्थिति, वातावरण व मानसिक अवस्था के अनुरूप बदलते रहते हैं और जो इन विचारों को साधकर अपने मस्तिष्क संगत चरित्र को समझकर स्वयं को गढऩे में सफल होता है वह सफल व्यक्तित्व की मिसाल बनता है।
सफलता की सीढ़ी कहना चाहती है कि, व्यक्ति वही सफल होता है जो अपने विचारों को सही दिशा दे पाता है जिसका तात्पर्य है आप सदैव अपनी ऊर्जा सही दिशा, लक्ष्य और कार्य में लगाकर जीवन को सार्थक बनाएं क्योंकि व्यक्ति के जीवन का अस्तित्व उसके विचारों पर टिका है जो उसे जीवन उद्देश्य और उपलब्धियों को खोजने में मददगार है। आपका मन विचलित होगा तो विचार भी विचलित होंगे। आवश्यकता है तो स्थिर मन और विचारों की जो आपको आपकी वांछित सफलता तक पहुंचाएंगे।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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