डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
पर्यावरण संरक्षण के लिए शिक्षक संघ शेखावत 10 लाख पौधे लगाएगा
बिछीवाड़ा, विकास मोडिया।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत सत्र 2020-21 के लिए सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए नामांकन अभिवृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित कर घर-घर सहजन अभियान शुरू करेगा। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिला मंत्री लीलाराम भगोरा ने बताया कि राजस्थान की हरित धरोहर विकसित करने हेतु शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों की पर्यावरणीय पहल है।
संघ के जिलाध्यक्ष मणिलाल मालिवाड़ ने बताया कि संगठन द्वारा शुरू किया जा रहा राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान विशेषकर सहजन रोपण बहुत ही महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इस सत्र में राज्य की स्कूलों और बच्चों के घरों में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है।
इस क्रम में सबसे अधिक प्रोटीन और औषधि युक्त सहजन वृक्ष के 6 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। सहजन का पेड़ बहुत ही तीव्र गति से बढ़ता है तथा 6 माह में ही उत्पादन देना शुरू कर देता है। इस पेड़ की फलियां, पत्ते तथा फूल कई बीमारियों मैं औषधि के रुप में काम आते हैं। यह पेड़ पूरे वर्षभर उत्पादन देता है। इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए यह पेड़ रामबाण औषधि है।
इसके लिए उन्नत किस्म के 6 लाख बीज डूंगर महाविद्यालय बीकानेर के पर्यावरणविद्, एसोसिएट प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी संगठन को उपलब्ध करवाएंगे। जुलाई माह से शुरू कर 30 सितंबर 2020 तक इस अभियान में छह लाख सहजन और 4 लाख अन्य पेड़ लगाए जाएंगे। स्कूल परिसर के साथ ही सभी विद्यार्थियों को घर पर लगाने हेतु दो-दो बीज दिए जाएंगे। यह बीज हर प्रकार की जमीन और पानी में अंकुरित हो जाता है। यह क्रम आगे भी वर्ष भर अनवरत जारी रहेगा इसके लिए संगठन के वरिष्ठ नेता दिनेश प्रजापति को जिला प्रभारी तथा देवीलाल गोड़ को सह प्रभारी नियुक्त किया है। डूंगरपुर जिले में सहजन के पचास हजार बीज व अन्य 30 सितंबर तक स्कूलों में तथा बच्चों के घरों में लगाए जाएंगे ।
हरित राजस्थान का सपना होगा पूरा
प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत कुमार खराडी़ ने बताया कि संगठन हरित और निरोगी राजस्थान के सपनों को पूरा करेगा। इसके साथ ही सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए संगठन से जुड़े प्रत्येक शिक्षक पूर्ण समर्पण तथा निष्ठा से प्रयास करते हुए राज्य में 5 लाख की नामांकन अभिवृद्धि के संगठन के लक्ष्य को पूरा करेंगें। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और समाज के अन्य लोगों को साथ लेकर डोर टू डोर जाकर अभिभावकों को विश्वास में लेकर बच्चों को दाखिला के लिए प्रेरित कर उनके प्रवेश आवेदन भरेंगे तथा नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण करेंगे तथा गृह कार्य देकर बच्चों को घर पर पढऩे के लिए प्रेरित करेंगे।