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सफलता की सीढ़ी… आप समय का लाभ उठाने से चूक सकते हैं लेकिन समय आपकी इस चूक का लाभ उठाने से नहीं चूकेगा
- अभिषेक सर
- 05-07-2020
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अमीर बनने का मतलब है पैसा होना, बेहद अमीर बनने का मतलब है समय होना- मार्ग्रेट बोनानो के कहने का तात्पर्य यह है कि आज इस विश्व में गिने चुने ही लोग बेहद अमीर हैं बाकी सभी अमीरियत खोज रहे हैं। बात भी सही है वह व्यक्ति गरीब ही तो है जो समय का रोना लिए अपने काम, परिवार, समाज और खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। क्या आपने सोचा है कि आजकल हमें समय की इतनी कमी क्यूं महसूस होती है। हमारा पूरा समय, समय के आगे भागने की होड़ में या समय का पीछा करने में निकल जाता है। बहरहाल समय पर ना हमारा जोर है ना काबू। समय पर काम ना होने से व्यक्ति गुस्सैल चिड़चिड़ा बनता जा रहा है। अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोग हमें चंगुल में लेते जा रहे हैं। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, ओबेसिटी जैसे रोग आम हो गए हैं। अब तो समय के अभाव में जल्दबाजी, हड़बड़ी से दुर्घटनाओं की खबरों से समाचार भरे पड़े हैं। गाड़ी के तेज चलते पहियों पर हम अपने जीवन का दांव खेलने से भी नहीं घबराते। कभी सोचा है ऐसा क्यूं ? …क्योंकि हम समय से गरीब हैं। जी हां! कई बार सवाल जवाब से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।
इतिहास के पन्ने हमें समय के अभाव को नहीं दर्शाते। हमारे पूर्वजों को कभी समय की समस्या नहीं रही, तो ऐसा क्या हुआ जो समस्या हमारे पूर्वजों को नहीं थी हमें इतना विचलित व हैरान करने लगी, इतना कि इसके अभाव की सोच भी हमें बैचेन कर देती है। फलस्वरूप हम उतावलेपन और चिड़चिड़ाहट से भरे रहने लगे हैं। जो चौबीस घंटे का समय हमारे पूर्वजों के पास था वही आज भी हमारे पास है। फिर ये चूक कहां हो रही है? … यह चूक हुई बीसवीं सदी की शुरुआत में जब सम्पूर्ण विश्व औद्योगिक क्रांति की भेंट चढ़ गया और मानव ने जाने अनजाने घड़ी बना डाली। वह भी कैसी जो इंसान की कलाई पर टाईम बम के टाइमर की तरह चिपक गयी और देखते ही देखते व्यक्ति के लिए समय कम पडऩे लगा। पहले समय को मानव अपने आप पर हावी नहीं होने देता था इसलिए समय व्यक्ति के हिसाब से चलता था परंतु आज समय के हिसाब से हम भागते हैं। समय की कमी आधुनिक जीवन शैली का परिणाम है और यदि इसमें बदलाव लाना है तो हमें जीवन शैली में बदलाव लाना होगा।
समय भी बड़ा विचित्र है जिसने विज्ञान के सिद्धांतों को उलटकर रख दिया है। सोचिये जब हम समय को गिनना शुरू करते हैं तो समय बढ़ता हुआ लगता है लेकिन असल में समय कम होना शुरू हो जाता है और यही कारण है हमारे उतावलेपन, चिड़चिड़ेपन और झल्लाहट का क्योंकि मानव के जीवन में अभाव सदैव विचलन लाता है। प्रकृति ने किसी भी व्यक्ति के साथ समय को लेकर भेदभाव नहीं किया, प्रत्येक को चौबीस घंटे दिए हैं परंतु हम सदैव इस बात की रट लगाते हैं कि हमारे पास पर्याप्त समय नहीं है। हमारे पास दिन में उतने ही पहर हैं जितने विश्व इतिहास के महानतम् लोगों के पास रहे होंगे परंतु वे महान इसलिए बने क्योंकि उन्होंने समय का मूल्य समझा और उसे सदुपयोग किया। याद रहे जिस कार्य को करना हमारी सामथ्र्य में है उसे न करना भी हम पर ही निर्भर है। यहां बात है आपके चुनाव की क्योंकि ये समय हर क्षण बीतता जा रहा है और हम अपने समय का सबसे अधिक दुरूपयोग करते जा रहे हैं और हम ही सबसे पहले इसकी कमी का रोना रोते हैं।
सफलता की सीढ़ी चाहती है आप समय का मूल्य समझें, समय एक मात्र संपत्ति है जो सीमित है जीवन में दौलत गंवाने पर हम उसे फिर से कमा सकते हैं परंतु खर्चा हुआ वक्त कभी कमाया नहीं जा सकता, वह बस खर्च होता चला जाता है। जैसे-जैसे टेक्नोलोजी का उपयोग बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे व्यक्ति समय के दबाव को ज्यादा महसूस करने लगेगा। भविष्य में महान, समृद्ध, खुश और धनी व्यक्ति का मापन व्यक्ति के पास उपलब्ध समय से किया जाएगा। रूपर्ट मरडोक ने कहा है, ‘दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है, अब बड़े-छोटे को नहीं हराएंगें, अब तो तेज धीमों को हराएगा।Ó सफलता की सीढ़ी चाहती है आप जीवन में लक्ष्य बनाएं क्योंकि लक्ष्य आपकी योजनाओं को आकार देंगे, इन योजनाओं से आप कार्य करेंगे, फिर कार्यों से परिणाम प्राप्त होंगे और परिणाम आपको सफलता तक पहुंचाएंगे और यह सब मुमकिन है यदि व्यक्ति अपने लक्ष्य को समय की परिधी में ले आए, तब सफलता नि:सदेह पक्की। ध्यान रहे! हो सकता है आप समय का लाभ उठाने से चूक जाएं परन्तु समय आपकी इस चूक का लाभ उठाने से कभी नहीं चूकेगा। सफलता का सूत्र सरल है: सही काम करें, सही तरीके से करें, सही समय पर करें क्योंकि समय अमूल्य है।