सफलता की सीढ़ी… आत्मअनुशासन ही सफलता का पारितोषिक है

सफलता की सीढ़ी सफलता के अति आवश्यक सिद्धांत का विस्तृत व्याख्यान कर आपको आत्मबोध कराना चाहती है कि, आप सफलता के मायने से रूबरू हों क्योंकि सफलता की परिभाषा बहुआयामी है। सफलता के अनेक सिद्धांतों में से एक आत्मानुशासन का सिद्धांत ना केवल सफलता की सार्थकता को दर्शाता है अपितु सफलता में छिपे मानव मूल्यों को भी उजागर करता है, जिन्हें आप अपने जीवन में अपनाकर सफलता प्राप्त करते हैं, जो सदैव हमारी दिनचर्या में परिलक्षित होती है। सफलता का अर्थ केवल प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण करना, किसी खेल में पदक प्राप्त करना, बड़ी बिजनेस डील प्राप्त करना, किसी साक्षात्कार से अच्छी नौकरी प्राप्त करना अथवा कोई सम्मान या पुरस्कार प्राप्त करना ही नहीं है क्योंकि उक्त सफलताएं क्षणिक हंै। हालांकि सफलता की परिभाषा व्यक्ति निष्ठ है, प्रत्येक व्यक्ति के लिए इसके मायने अलग हैं और होने भी चाहिए क्योंकि सफलता की सीढ़ी के अनुसार सफलता कभी क्षणिक नहीं होती, सफलता सदैव चलायमान है क्योंकि जीवन चलायमान है और यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो निरंतरता ही इसका एकमात्र समाधान है जिसे केवल आत्मानुशासन के सिद्धांत को अपनाकर ही प्राप्त किया जा सकता है।
वर्तमान पृष्ठभूमि में डर, असमंजस, अनिश्चितता तथा विवशता की काली परछाई ने इस संपूर्ण विश्व को एकाकीपन अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है जो कोविड़-19 जैसी महामारी का रूप लिए आ खड़ा हुआ है। मानव सदियों से ऐसी विपदाओं से जूझता आया है और समय-समय पर उनसे लोहा भी लेने में सफल रहा है, मानव मानसिक रूप से सशक्त है और इस गुण से मानव ने पृथ्वी पर अपना वर्चस्व कायम किया है। सफलता अपने आप में एक भूलभुलैया है, प्रत्येक सफल व्यक्ति ने इसे भेदने का अपना एक सूत्र विकसित किया है, जिसका आवश्यक घटक आत्मानुशासन है।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाने वाले सफल व्यक्तित्व के साक्षात्कार को पढऩा और उन्हें डायरी में लिखना मेरा शगल था, उनके बचपन की पृष्ठभूमि, उनका संघर्ष, उनकी मेहनत, यथार्थ, व्यक्तिनिष्ठ, जिजीविषा को पढ़कर प्रेरित होता आया हूं, ऐसे व्यक्तित्व सदैव प्रेरणा के स्त्रोत होते हैं और अपने मानव मूल्यों से वांछित सफलता प्राप्त करने में सफल हुए हैं, उनके जीवन मूल्य मेरे संघर्ष में समय-समय पर आत्म विश्लेषण, आत्म मूल्यांकन करने में सहायक रहे, जिनका अनुसरण कर सफलता के गूढ़ रहस्यों को समझने और उन्हें भेदने में काफी मदद मिली। प्रत्येक सफल व्यक्ति के जीवन को टटोलने पर उनकी कार्यशैली व जीवन में आत्मानुशासन का सिद्धांत का प्रभावी उपयोग स्पष्ट दिखा जिसे मैंने अपने जीवन में अपनाकर सफलता प्राप्त की।
सफलता की सीढ़ी आपके समक्ष आत्मानुशासन के विश्लेषण का तरीका साझा करने वाली है, आत्मानुशासन के सिद्धांत की प्राथमिक आवश्यकता एकाकीपन है, हो सकता है यह वाक्य आपको हैरान करे, यह सत्य है कि प्रत्येक व्यक्ति एकाकीपन में अपने आत्मानुशासन का मापन कर सकता है, जब व्यक्ति पर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं होती, सीमित संसाधनों में इच्छानुसार दिन व्यतीत करने व कार्य करने की आजादी हो, ऐसे समय में आपके पास दो विकल्प होते हैं या तो आप अपने मन की करें क्योंकि ऐसे समय में आपको कोई भी रोकने वाला नहीं होता, दूसरा विकल्प जहां आप अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, अपने कार्य को व्यवस्थित रूप से करें यदि पहला विकल्प आपका निष्कर्ष है तो यह सही समय है कि आप चेत जाएं, आप चाहे कितने भी मेहनती हों, बुद्धिमान हों, परिश्रमी हों किंतु आत्मानुशासन के अभाव में आप सफलता प्राप्ति से चूक जाएंगे। सिद्धांत: नकारात्मकता में सदैव सकारात्मकता छुपी होती है, प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि, इस महामारी के बीच फंसे हम अपने जीवन में क्या सकारात्मकता ला सकते हैं? सफलता की सीढ़ी आपको पुन: उस वाक्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है कि, ‘आत्म अनुशासन के सिद्धांत की प्राथमिक आवश्यकता एकाकीपन है।Ó सफल और असफल व्यक्ति के बीच का अंतर निरंतरता है जो व्यक्ति आत्मानुशासन से अर्जित करता है। यह आत्मानुशासन ही तो है जो व्यक्ति को एकाकीपन में अपने कार्य पर ध्यान केंद्र करने की शक्ति देता है, अपने कार्य की रूपरेखा, रणनीति तथा उसकी क्रियान्वित पर एकाग्र होकर ध्यान केंद्रित करने की शक्ति प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति में अपने कार्य व अपने आप पर आत्मविश्वास बढ़ता है, अब वह अपनी नकारात्मक सोच को नियंत्रित कर सकता है, जिससे वह अपने मन को साध सकता हैं, तब जाकर ध्यान लक्ष्य की ओर केंद्रित रहता है।
वैश्विक संकट के बीच लोक-डाउन में जाने अनजाने इस नकारात्मक माहौल में यदि कुछ सकारात्मक हुआ है तो वह है ‘सोशल डिस्टेंसिंगÓ जो एक प्रकार का एकाकीपन ही तो है, सकारात्मकता का सिद्धांत नकारात्मकता की दलदल से ही निकलता है जो आपको यह अंकित कर रहा है। यह उचित समय है जब आप इस एकाकीपन का उचित उपयोग कर आत्मानुशासन को बढ़ाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। सफलता की सीढ़ी जानती है यह संकट के बादल छंट जाएंगे सुनहरी धूप लिए, एक नया सवेरा आपका इंतजार कर रहा होगा, जब आप अपने आत्मानुशासन के तेज से सराबोर, आत्मविश्वास, कौशल और सकारात्मक सोच से सुसज्जित उस दिन का खुले हाथों से स्वागत करेंगे तब आपकी सफलता अवश्यंभावी है। सफलता की सीढ़ी यह कामना करती है। घर में रहें, सुरक्षित रहें।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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