डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
सरपंच व वार्डपंच के हस्ताक्षर बिना जारी किया स्वच्छता कार्ड
शाहपुरा (जयपुर), विजयपाल सैनी। स्वच्छता के मोदी मिशन में एक ओर केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं स्थानीय स्तर पर इस पूरे अभियान को पलीता लगाया जा रहा है।
अधिकारियों की लालफीताशाही और ढुलमुल रवैया पूरे अभियान पर भारी पड़ रहा है। इसकी बानगी ग्राम पंचायत भाबरू में देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को स्वच्छ रखने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन निकटवर्ती ग्राम पंचायत भाबरू के सचिव, वार्ड पंच व अन्य कार्मिकों ने प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय मिशन की धज्जियां उड़ाकर मजाक बना रहे हैं।
भाबरु ग्राम पंचायत कार्मिक साफ-सफाई को लेकर खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लेकिन भाबरू पंचायत निवासी छोटी देवी पत्नी रामजीलाल मीणा जिनका परिवार राशन कार्ड संख्या 00751 है। जिनको बिना शौचालय निर्माण के पंचायत कार्मिकों की मिलीभगत से 21 जनवरी 2017 को ही स्वच्छता कार्ड जारी कर दिया। जारी हुए स्वच्छता कार्ड पर ना तो सरपंच ओर ना ही वार्डपंच के हस्ताक्षर हैं। जिससे पंचायत के नुमाइंदे मिशन की क्रियान्वयन को लेकर कितने गंभीर है, इस बात का पता चलता है। ग्रामीणों ने पंचायत द्वारा किए गए शौचालय निर्माण कार्यों की उच्चस्तरीय जांच करवाकर उक्त कार्यो में लिप्त जिम्मेदार अधिकारीयों, कर्मचारियों पर ठोस कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या है स्वच्छता कार्ड
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत प्रत्येक परिवार में शौचालय होना आवश्यक है। जिसके निरीक्षण बाद पंचायत द्वारा एक स्वच्छता कार्ड जारी किया जाता है। जिससे प्रमाणित किया जाता है कि कार्ड धारी परिवार खुले में शौच नहीं करता है व परिवार में बने हुए शौचालय का उपयोग करते हैं।
इनका कहना है ….
- लाभार्थी ने अगर गलत दस्तावेज पेश किया है तो जांच की जाएगी।
सुभाष चंद बुनकर, कनिष्ठ लिपिक भाबरू - जानकारी लेकर मामले की जांच करवाई जाएगी।
शशिकांत शर्मा, सरपंच, भाबरू - मामले की जांच के लिए निर्देश दिए है। जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
भागीरथमल मीणा, बीडीओ, विराटनगर