हरियाणा से मंगल करने मंगल निकले मनसा की पहाडिय़ों में

 हरियाणा से मंगल करने मंगल निकले मनसा की पहाडिय़ों में

उदयपुरवाटी (झुंझूंनूं), कैलाश बबेरवाल।

कोरोना वायरस से उत्पन्न हुए संकट के बादल जंगल के जानवरों पर भी मंडराने लगे हैं जहां प्रतिदिन कई श्रद्धालु मनसा माता के दर्शन करने के साथ ही बेसहारा मूक पशु पक्षियों को आहार डालते थे। अब लॉक डाउन की वजह से अपने घरों में कैद हैं। ऐसी परिस्थिति में हरियाणा के एक भामाशाह की दरियादिली को दाद देनी पड़ेगी।
मंगल समूह के भामाशाह हरियाणा प्रदेश के पवन मंगल अपने साथी सुरेश मीणा किशोरपुरा को साथ लेकर मनसा की पहाडिय़ों में पहुंचे, जहां उन्होंने मंगल समूह की ओर से हजारों बेजुबान पक्षियों बंदरों एवं गौ माता को फल और सब्जियां खिलाई। साथ ही जंगल में रहने वाले सहरिया दिहाड़ी मजदूरों जरूरतमंदों को आटा साग सब्जियां वितरित की। सुरेश मीणा किशोरपुरा ने बताया कि लॉक डाउन होने से पहाडिय़ों में रहने वाले बेजुबान बंदरों का भूख के मारे हाल बेहाल है। ऐसे में जंगल में रहने वाले इन बेसहारा जानवरों की मदद में हमें आगे आना चाहिए।
इस पर भामाशाह पवन मंगल ने इन जंगल के वाशिंदो को भूखा प्यासा नहीं रहने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कोरोना के कहर के बीच इन बेजुबान जानवरों की व्यवस्था मंगल ग्रुप करेगा। सुरेश मीणा ने कहा कि संकट की घड़ी में बेजुबान जानवरों की सेवा बड़ा पुण्य का काम है इससे हमें प्रकृति जगत की सेवा करने का मौका मिलता है। हमारे सामूहिक प्रयासों से ही हम कोरोना महामारी से उबरने में सफल हो पाएंगे। उन्होंने भामाशाह पवन मंगल एवं उनके ग्रुप के द्वारा हरियाणा राजस्थान में की जा रही जरूरतमंदों के सेवा कार्य की जमकर सराहना की। इस पर भामाशाह पवन मंगल ने इसका जवाब इस तरह से दिया।
देन हार कोई और है।
भेजत जो दिन रैन।।
लोग भरम हम पर करै।
तासौ नीचे नैन ।।
उन्होंने अंगुली का इशारा करते हुए कहा कि वो ही करता है, वो ही करवाता है, क्यों बंदे तू इतना इतराता है, वही सुलाता है, वही जगाता है, मंगल ने कहा इस संकट के दौर में अधिकांश लोग मानव जाति की तो सेवा करने में जुटे हैं लेकिन बेजुबानों की सेवा करने का क्या हमारा धर्म नहीं है ? मंगल को दान पुण्य की प्रेरणा उनके परिजन शिव व सागर मंगल साहब से मिली है।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

Related post