डाक विभाग कॉलोनियों में जाकर खोल रहा है सुकन्या समृद्धि खाते
सफलता की सीढ़ी… आप सभी में शक्ति है बीज से वृक्ष बनने की
मानव जीवन कई रंग दिखाता है, हर परिस्थिति के लिए तैयार करता है, समय बड़ा बलवान है, समय किसी भी व्यक्ति को जमीन से आसमान व आसमान से जमीन तक पहुंचा देता है, समय किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को संवारने बिगाडऩे में अहम भूमिका निभाता है। यह हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसके जीवन में समय एक सा नहीं रहता। समय क्रमिक है जो बदलता रहता है, कठिन समय को व्यक्ति जिस रूप में लेता है, उस पर उसका भविष्य निर्भर करता है। कोई समय को कोसता है तो कोई इसकी दुहाई देता है, कोई अच्छे समय की यादों में जीवन जीने लगता है, वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बुरे समय को अपनी शक्ति बना लेते हैं। सफलता की सीढ़ी आपसे अपेक्षा करती है कि आप इस श्रेणी में खुद को लाएं और बुरे समय को अपनी कमजोरी की जगह शक्ति बना लें।
कठिन समय व्यक्ति को परिपूर्ण बना देता है। कठिन समय परिपूर्ण व्यक्ति को कठोर निर्णय लेना सिखाता है जिससे व्यक्ति और परिपक्व हो जाता है क्योंकि जीवन संघर्ष में अपने मस्तिष्क को संतुलित रखना आवश्यक है ताकि असफलता व नाकामी में भी सकारात्मक पहलू को खोजा जा सके। जैसे सोने का रंग तप कर और निखर जाता है ऐसे ही व्यक्ति का असल व्यक्तित्व कठिन समय की भट्टी में तप कर परिपूर्ण हो जाता है। कठिन समय को देखने के व्यक्ति के दृष्टिकोण से ही उसके जीवन में सफलता या असफलता का निर्णय होता है।
हमें सदैव कठिन समय को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए क्योंकि बुरे समय की एक अच्छाई यह भी है कि वह अवश्य बदलता है लेकिन यह तब तक नहीं बदलता जब तक अपने हिस्से की सफलता, खुशियां, व पारितोष को भुनाने के लिए आप तैयार ना हों। सफलता व अच्छा समय अपने साथ ढ़ेरों जिम्मेदारियां लाता है तथा उन जिम्मेदारियों को उठाने की शक्ति हमें कठिन समय देता है। सफलता की सीढ़ी आपसे यही अपेक्षा करती है कि आप सदैव मुश्किल समय में सकारात्मक रहें, हताश न हो और ना ही अपने आप पर अविश्वास करें, सदैव अपने मस्तिष्क को सकारात्मक सोच से पोषित करें। व्यक्ति की नकारात्मक सोच उसे खोखला बना देती है और खोखला वृक्ष और खोखला व्यक्तित्व जीवन की आंधी का अधिक समय तक सामना नहीं कर सकता और अंतत: वह जीवन में परास्त होकर धरा पर ढेर हो जाता है।
कठिन समय में सकारात्मकता अपने उद्देश्य को तय कर प्राप्त की जा सकती है। तो सोच क्या रहे हैं अपना लक्ष्य तय करें और उसे प्राप्त करने के लिए पुरजोर कोशिश करें। अपने मस्तिष्क को कठिन समय में सकारात्मक अवस्था में रखने की महारत मस्तिष्क के निरंतर अभ्यास से प्राप्त की जा सकती है और अभ्यास भी कैसा जो अनुशासन निष्ठा समर्पण से अर्जित किया जाए। कठिन समय में हिम्मत ना हारें उसका डटकर मुकाबला करें। अपने मस्तिष्क को ऐसा अभ्यस्त करें कि वह स्वाभाविक रूप से कठिनाइयों में अपने आत्मविश्वास, अनुशासन, निष्ठा, समर्पण, सकारात्मकता के स्तर को ऊंचा उठा लें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
आमतौर पर देखा गया है कि व्यक्ति का कठिन समय ज्यादातर उसके मस्तिष्क के कंफर्ट लेवल से बाहर का कोई कार्य होता है, जो उसके मस्तिष्क को असहज बना देता है। सफलता की सीढ़ी आपको यह बताना चाहती है कि सफलता व उपलब्धि अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर ही प्राप्त की जा सकती है, अपने आप को, अपनी प्रतिभा को मस्तिष्क की सीमा में ना बांधें। आप में अनगिनत संभावना है और यह संभावना पंख फैला कर उडऩा चाहती है, इसे मस्तिष्क और समय की संकुचित धारणा की जंजीरों में ना बंधने दें।
अपने आप पर, अपनी काबिलियत पर विश्वास रखें, जरा सोचिए यदि आपको स्वयं पर विश्वास नहीं तो दुनिया आप पर कैसे विश्वास करेगी। आपको यह जानना आवश्यक है कि ना तो आप अपना स्वयं का प्रतिनिधित्व करते हैं परंतु अपने कनिष्ठ अधीनस्थ के भी प्रतिनिधि होते हैं और ऐसा व्यक्ति आगे चलकर समाज, राज्य व देश की अगुवाई करता है। ऐसे व्यक्ति के जिम्मेदार कंधों पर अपेक्षा, आकांक्षा, विश्वास उम्मीद होती है। आपकी सफलता आपको भीड़ में आगे खड़े होने की सहूलियत देती है और याद रहे आत्मविश्वास प्रतिनिधित्व का मूल स्तंभ है जो बुरे समय में निरंतर अभ्यास से प्राप्त किया जा सकता है।
जीवन संघर्ष से भरा है। अच्छे या बुरे समय की पुनरावृति आपके कठिन समय में संघर्ष के जज्बे से निर्धारित होती है। सफलता की सीढ़ी यह जानती है कि प्रत्येक बीज में एक विशाल वृक्ष बनने की शक्ति होती है लेकिन वही बीज वृक्ष बन पाता है जिसे अपने आप पर, अपनी काबिलियत पर और सकारात्मक सोच पर विश्वास हो जो ऋतु की अधिकता से लडक़र हर ऋतु के साथ और परिपक्व, सशक्त होता जाता है और किसी एक बसंत में शानदार विशाल वृक्ष बन फल और फूलों से आच्छादित होता है। और यही उसका अच्छा समय होता है जब उसे कोई आंधी, वर्षा, गर्मी, सर्दी व लोगों द्वारा फेंके गए पत्थर का कोई असर नहीं होता। उसे कोई गिरा नहीं सकता। सफलता की सीढ़ी जानती है कि आप में भी यह सब खूबियां हैं, बस आवश्यकता है आपको अपनी शक्तियों को पहचानने की, तो सोच क्या रहे हैं! उठिए अपना लक्ष्य निर्धारित कीजिए, कठिन समय से संघर्ष करिए, अपनी काबिलियत को पहचानिए, जीवन की सकारात्मकता पर विश्वास करिए और सफलता प्राप्त करिये।