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वयोवृद्ध स्वाधीनता सेनानी का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
उदयपुर। वयोवृद्ध स्वाधीनता सेनानी सुजानमल गदिया ‘बाऊजीÓ का शनिवार को सुबह निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे। उन्हें शुक्रवार को तबीयत खराब होने पर उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्साल में भर्ती कराया गया था। उनका दोपहर बाद हिरणमगरी सेक्टर-13 के मोक्षधाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
उनकी अंतिम यात्रा पौने तीन बजे उनके निवास स्थान सेक्टर-14 से रवाना होकर सेक्टर-13 स्थित मोक्षधाम पहुंची। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल समाजजनों व परिचितों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बाऊजी आपका नाम रहेगाÓ उद्घोष भी किया। तिरंगा ओढ़े दिवंगत स्वाधीनता सेनानी को उनकी दोनों पुत्रियों आशा जैन व दीपिका जैन ने भी कांधा दिया और मोक्षधाम पहुंचकर अंतिम दर्शन भी किए।
कोरोना संक्रमण से बचाव के तहत पूरे देश में चल रहे लॉकडाउन के चलते उनके पुत्र अहमदाबाद निवासी अशोक जैन, गुलाबपुरा निवासी महेन्द्र जैन, अजमेर निवासी सुरेन्द्र जैन उदयपुर नहीं पहुंच सके। चौथे व सबसे छोटे पुत्र ललित जैन ने दिवंगत स्वाधीनता सेनानी को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि से पूर्व सरकार की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर संजय कुमार वसु, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार, उपअधीक्षक प्रेम ने पुष्प चक्र अर्पित कर दिवंगत स्वाधीनता सेनानी को नमन किया। इसके बाद दिवंगत आत्मा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। हवाई फायर कर उन्हें सलामी दी गई।
‘बाऊजीÓ के नाम से पहचाने जाने वाले स्वाधीनता सेनानी गदिया जैन सम्पूर्ण जैन समाज के अग्रणी थे। समाज की कई संस्थाओं ने उन्होंने महत्वपूर्ण पद संभाले। वर्ष 2010 में उन्होंने अपने सेक्टर-14 स्थित आवास के आधे हिस्से के भूभाग पर श्री त्रिकालवर्ती तीर्थंकर जिनालय स्थापित कर समाज को समर्पित किया। उस समय उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि धर्म नागरिक को संस्कारवान बनाता है और संस्कारवान नागरिक ही एक मजबूत और सर्वकल्याणकारी राष्ट्र का निर्माण करते हैं। इसके लिए धर्म में बताए गए सद होती है और व्यक्ति सात्विक आचरण को समझना शुरू करता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मंदिर की स्थापना को महत्व दिया। उनका सपना था कि देश भी एक मंदिर की तरह हो जहां धर्मयुक्त शासन हो, जहां भ्रष्टाचार-अनाचार-शोषण जैसे शब्दों की कोई जगह नहीं हो।
कोरोना संक्रमण से बचाव की एडवाइजरी के तहत अंतिम संस्कार में ज्यादा लोग उपस्थित नहीं हो सके। अंतिम संस्कार में मौजूद भाजपा जिला मंत्री जिनेन्द्र शास्त्री ने बताया कि ‘बाऊजीÓ ने न केवल स्वाधीनता संग्राम में अपनी भूमिका निभाई बल्कि समाजोत्थान के कार्यों में भी वे अग्रणी रहे। उनके निधन पर महावीर युवा मंच के पूर्व अध्यक्ष नेमी जैन, अंतरराष्ट्रीय विद्वान डॉ. हुकुमचंद्र भारिल्ल, मोटिवेशनल स्पीकर एस.पी. भारिल्ल, परमात्म प्रकाश भारिल्ल, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया, नगर निगम निर्माण समिति अध्यक्ष ताराचंद जैन आदि ने फोन पर ही संवेदना प्रकट करते हुए शोकाकुल परिवार को ढांढ़स बंधाया।