भाइयों घर में रहो

 भाइयों घर में रहो

कैलाश चन्द्र ‘कैलाशÓ

वायरस आया हुआ है भाइयों घर में रहो
बेवजह बाहर कहीं ना जाइयो घर में रहो
आपकी रक्षा- सुरक्षा आप ही के हाथ है
दादियों, भौजाइयों सब ताइयों घर में रहो
बालकों को नौजवानों को अगर मानें नहीं
प्यार से फटकार से समझाइयो घर में रहो

बात फोनों से करो चाहे पड़ौसी हों मगर
फालतू ना आइयो ना जाइयो घर में रहो
वस्तुएं बाजार की हों या घरों की हों मगर
स्वच्छ करके ही हमेशा खाइयो घर में रहो
आँख- मुँह या नाक जो खुल्ले दरीचे हैं सुनो
ठीक सा पर्दा यहां लगवाइयो घर में रहो
तुम रहे तो देश- दुनिया भी रहेगी दोस्तों
तुम गये तो क्या रहेगा भाइयों घर में रहो
दूर हो तो क्या हुआ उसको ठिकाना मान लो
देश अपना है अरे चिंताइयों घर में रहो

छोड़ दो चिंता घरों की तुम अरे परदेशियों
हम यहां जो हैं न तुम पछताइयो घर में रहो
तुम विदेशों से यहां आये कि या परदेश से
सूचना दे जांच दल बुलवाइयो घर में रहो
आप में कुछ हो न हो मालूम होगा जांच से
आप औरों को नहीं घबराइयो घर में रहो

हाथ साबुन से धुले हों आंख- मुंह से नाक से
बेवजह स्पर्श ना करवाइयो घर में रहो
पालना कानून की करना जरूरी है इसे
हर किसी को प्यार से समझाइयो घर में रहो
फिर कमा लेंगे अगर जिन्दा रहे तो आप- हम
आजकल तो गांठ से ही खाइयो घर में रहो
खत्म करना है अगर इस वायरस को तो सुनो
आत्म बंधन में रहो हे भाइयों! घर में रहो

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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