बिना सुरक्षा उपकरणों के ड्यूटी को मजबूर होमगार्ड

 बिना सुरक्षा उपकरणों के ड्यूटी को मजबूर होमगार्ड

डूंगरपुर, महेन्द्र सिंह पवार

कोरोना महामारी से निपटने में स्वास्थय कर्मियों, पुलिस कर्मियों के साथ होमगार्डस भी अपने फर्ज को पूरी मुस्तैदी से अंजाम देने में जुटे हैं लेकिन बिना सुरक्षा उपकरणों के अपनी ड्यूटी दे रहे होमगार्ड के इन जवानों के मन में महामारी की दहशत है।
भारत मे होमगार्डस का गठन चीन के आक्रमण को देखते हुए वर्ष 1962 में किया गया था जिसका मुख्य कार्य आपातकालीन स्थिति में मोर्चा संभालना था। वर्तमान में देखा जाए या कहा जाए तो स्थिति वही है आज भी कोरोना वायरस जैसी महामारी का जन्म चीन देश से ही हुआ है जो पूरे विश्व में फैल चुका है।
ऐसी विकट गंभीर स्थितयों में जहां होमगार्डस को पूरे वर्ष काम नहीं मिलता, वे आज भी कंधे से कंधा मिलाकर देश सेवा में कोरोना महामारी में अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। आज राजस्थान में तकरीबन 30 हजार होमगार्डस जवान हैं जिनसे ड्यूटी पर नियोजित करने पर मासिक मिलने वाले भुगतान का 10 प्रतिशत वेलफेयर फंड के लिए लिया जाता है जिसकी राशि होमगार्डस मुख्यालय के पास जमा है।
यह राशि होमगार्डस की सुरक्षा व बीमारी में काम आती है परन्तु जब देश, राज्य में कोरोना वायरस का संकट आया तब होमगार्डस जवानों की सुरक्षा के लिए मुख्यालय, विभाग ने मास्क, दस्ताने तक उपलब्ध नहीं करवाए और होमगार्डस को यूं ही स्वयं के भरोसे ड्यूटी पर भेज दिया जबकि होमगार्डस एक स्वयंसेवी संगठन है।
इनका मुख्य कार्य, कर्तव्य यही है कि देश पर आई विपदा के समय साजो, सामान सुरक्षा के साथ होमगार्डस उपलब्ध करवाए परन्तु परिस्थियां राजस्थान में कुछ और है। ताजा जानकारी के अनुसार जिला डुंगरपुर से बांसवाड़ा जिले की सुरक्षा हेतु 25 होमगार्डस की अतिरिक्त मांग की गई जिसमें मात्र 18 होमगार्डस ही उपलब्ध करवाए गए।
जिसमें मुख्य आपातकालीन स्थिति को देखते हुए अवैतनिक प्लाटून कमांडर भोगीलाल यादव बेल्ट नम्बर 100 को बनाते हुए कुल 25 होमगार्डस नामजद आदेश के साथ भेजे गए। जिसमें से मात्र 18 होमगार्डस जवान ही ड्यूटी दे रहे हैं जिनके इंचार्ज भोगीलाल से बात हुई तो उन्होंने बताया कि, होमगार्डस विभाग में कुल 365 होमगार्डस की नफरी है। मौजूदा महामारी की स्थिति में कुल 280 के आस पास होमगार्डस ड्यूटी पर नियोजित हैं। शेष होमगार्डस उपलब्ध होने पर भी बांसवाड़ा में मात्र 18 होमगार्डस ही ड्यूटी दे रहे हंै लेकिन विभाग द्वारा ड्यूटी दे रहे इन होमगार्डस को किसी भी प्रकार से कोई सुविधा मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध नहीं करवाए गए एवं होमगार्डस महानिदेशक आदेशानुसार अंतर जिलों से बाहर अन्य जिलों में नियोजित होमगार्डस जवानों के खाते में एडवांस के रूप में राशि जमा करवाने थी जो भी जमा नहीं हुए।
इस अव्यवस्था की वजह से होमगार्डस बिना किसी खाद्य सामग्री व सुरक्षा उपकरणों के डर के साए में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह है कि, होमगार्डस खुद की सुरक्षा करे या आमजन की। ऐसे हालातों में होमगार्डस स्वयं बेबस, लाचार है। ये कैसा विभाग है जो खुद के मापदंडों, कर्तव्यों पर खरा नहीं उतर रहा। भारत में कोरोना वारयस महामारी से सर्वप्रथम पीडि़त स्वयं होमगार्डस जवान है जो स्वयं की सुरक्षा करने में बेबस, लाचार है लेकिन आमजन की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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