सफलता की सीढ़ी… सभी के लिए सफलता के मायने अलग-अलग

सफलता के मायने प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग हैं और प्रत्येक व्यक्ति अपने इन मायनों के अनुसार अपनी सफलता का निर्धारण करता है और अपने जीवन के उद्देश्य को साधता है। सफलता के कुछ नियम या सिद्धांत हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को अपने मायने में सफलता दिला सकते हैं जिन्हें आज सफलता की सीढ़ी आपके साथ साझा करना चाहती है।
नियम 1. लक्ष्य निर्धारण: सफल व्यक्ति अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं ताकि उन्हें यह ज्ञात हो कि, वह किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और वह उस दिशा से अन्त में हासिल क्या करने वाले हैं? वह छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर बड़े लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। सफलता और लक्ष्य प्राप्ति का एक शक्तिशाली कारण सफल व्यक्ति में होता है जो उन्हें निरन्तर ऊर्जा देता है ताकि वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
नियम 2. आत्म अनुशासन: सफलता का रहस्य खुद व्यक्ति में छुपा होता है और सफलता पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का सूत्र अलग होता है परन्तु जो नियम प्रत्येक सफल व्यक्ति को सफल बनाता है वह है, ‘आत्म अनुशासनÓ और इसका व्यक्ति को एकाकी होने पर पता चलता है, जब उस पर कोई रोक-टोक नहीं होती तथा वह अपनी मनमर्जी के मुताबिक कार्य करता है। ऐसे समय में व्यक्ति अनुशासित होकर अपने कार्य पर केन्द्रित रहता है। वो सब पर नियंत्रण रखकर अपनी पूरी शक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगा देता है।
नियम 3. जिम्मेदारी बोध: यदि व्यक्ति को सफल होना है तो उसे अपनी सफलता और असफलता की जिम्मेदारी स्वयं उठानी होगी। स्वयं की असफलता से सीख लेनी होगी। उससे हताश नहीं होना होगा और सीख लेकर आगे बढऩा होगा। व्यक्ति के जीवन में परेशानियों और रूकावटें आती रहती हैं। बात तो तब है जब इन परिस्थितियों की स्वयं जिम्मेदारी लें और परिस्थितियों से डटकर मुकाबला कर सफलता प्राप्त करें। सफल व्यक्ति असफलता से डरते नहीं और ना ही टूटते हैं। वह विपरीत परिस्थितियों से डटकर मुकाबला करते हैं और उन परिस्थितियों की दुहाई नहीं देते हैं बल्कि उसे बाहर आने का समाधान खोजते हैं।
नियम 4. टाइम मैनेजमेन्ट: सफलता का सिद्धांत समय की कद्र करना है। जो व्यक्ति समय की कीमत समझ लेगा वह अवश्य ही सफल होगा। सफल व्यक्ति अपने समय को मैनेज करना जानते हैं वहीं असफल लोग अपने समय की कमी से परेशान रहते हैं। उनके कार्य की सूची सदा लम्बी चौड़ी होती है और वह अपने कार्यों को प्राथमिकता नहीं दे पाते। वहीं सफल व्यक्ति कम महत्व से ज्यादा महत्व की सूची के अनुरूप कार्य करते हैं और सदैव अपने कार्यों के लिए पर्याप्त समय निकाल पाते हैं।
नियम 5. जोखिम उठाना: सफल व्यक्ति जोखिम उठाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में वह समय आता है जब वह जोखिम उठाकर बड़ा बन सकता है परन्तु वह ऐसे समय में जोखिम उठाने से डरकर पीछे हट जाते हैं और वह वहां नहीं पहुंच पाते जहां पहुंचना था। वह तर्क करते हैं और जीवन की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। सफल व्यक्ति असफलता से नहीं घबराते बल्कि उस पछतावे से डरते हैं जो उन्हें जिन्दगी भर सताएगा कि उन्होंने जोखिम नहीं लिया और सफलता प्राप्त करने से चूक गए। सफलता की सीढ़ी चाहती है कि, आप इन नियमों को आत्मसात करें और सफलता की सीढ़ी पर अग्रसर हों।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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